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जनलोकपाल पर कल इस्तीफा देंगे केजरीवाल!

सूबे की डेढ़ महीने पुरानी केजरीवाल सरकार दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को इस्तीफा दे सकती है। जन लोकपाल बिल पारित कराने को लेकर केंद्र से जारी टकराव के मद्देनजर दिल्ली सरकार का कहना है कि यदि सदन में जन लोकपाल बिल पास करने की इजाजत नहीं मिली तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दे देंगे। जनलोकपाल बिल आज विधानसभा में पेश होना था।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2014 07:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2014 12:18 PM (IST)
जनलोकपाल पर कल इस्तीफा देंगे केजरीवाल!

नई दिल्ली। सूबे की डेढ़ महीने पुरानी केजरीवाल सरकार दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को इस्तीफा दे सकती है। जन लोकपाल बिल पारित कराने को लेकर केंद्र से जारी टकराव के मद्देनजर दिल्ली सरकार का कहना है कि यदि सदन में जन लोकपाल बिल पास करने की इजाजत नहीं मिली तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दे देंगे। जनलोकपाल बिल आज विधानसभा में पेश होना था।

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बताया जा रहा है कि केजरीवाल के इस्तीफे का फैसला बुधवार रात हुई बैठक में लिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संभवत: केजरीवाल ने बिल पर कांग्रेस के वॉकआउट पर यह फैसला लिया है। दूसरी ओर केंद्रीय विधि व न्याय मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बगैर यह बिल विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता।

केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि यदि जन लोकपाल बिल पारित नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। उनका कहना है कि इस बिल को विधानसभा में पेश करने के लिए उपराज्यपाल या केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक नहीं है। दूसरी ओर, उपराज्यपाल, केंद्र सरकार तथा तमाम कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान नियमों के अनुसार दिल्ली सरकार बगैर केंद्र की मंजूरी के यह बिल विधानसभा में नहीं पेश कर सकती। भाजपा और सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वे जन लोकपाल बिल के समर्थन में हैं लेकिन संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता प्रशांत भूषण ने बुधवार देर रात विधि व न्याय मंत्रालय द्वारा केंद्र की मंजूरी जरूरी बताए जाने के बाद कहा कि विधानसभा में बिल पेश किए जाने से पहले इस पर वोटिंग कराई जाएगी और यदि इस मुद्दे पर सरकार को बहुमत नहीं मिला तो वह इस्तीफा दे देगी।

सूची में नहीं हैं दोनों विधेयक विधानसभा के चार दिन के सत्र की कार्यवाही की सूची में कहीं भी जन लोकपाल बिल अथवा स्वराज बिल का जिक्र नहीं है। सूत्रों ने बताया कि चूंकि दिल्ली सरकार ने जन लोकपाल बिल पेश करने की इजाजत उपराज्यपाल से नहीं ली है, लिहाजा उपराज्यपाल विधानसभा सचिवालय को संदेश भेज सकते हैं कि बिल को सदन में पेश करने की इजाजत नहीं दी जाए। दिल्ली मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में स्वराज बिल पर फैसला नहीं लिया जा सका। अब बृहस्पतिवार को ही बिल पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है।

स्टेडियम में सत्र पर असमंजसविधानसभा का विशेष सत्र इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में बुलाए जाने के मुद्दे पर सरकार के तेवर बुधवार को भी कड़े दिखे। दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में उपराज्यपाल की उस नसीहत को ठुकरा देने का फैसला किया गया जिसमें सदन की बैठक स्टेडियम में कराए जाने संबंधी फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब पुलिस शहर में बड़ी-बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन को सुरक्षा दे सकती है, तो वह विधानसभा सत्र के आयोजन को सुरक्षा क्यों नहीं दे सकती। लोकसभा व विधानसभा के पूर्व सचिव सुदर्शन शर्मा के मुताबिक सदन को यह अधिकार है कि वह इस आशय का फैसला करे।

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उपराज्यपाल के पास अधिकार है कि वह दिल्ली सरकार से कहें कि वह बिल पेश नहीं कर सकती, क्योंकि यह संविधान का उल्लंघन होगा। नियमों के मुताबिक बिल राष्ट्रपति की सहमति के बगैर पेश नहीं किया जा सकता। -कपिल सिब्बल, कानून मंत्री


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