Madhya Pradesh : महाकाल में शीघ्र दर्शन को टिकट खरीदने के लिए पहचान पत्र किया गया अनिवार्य
Madhya Pradesh ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर में शीघ्र दर्शन के लिए टिकट खरीदने के दौरान श्रद्घालुओं को पहचान-पत्र दिखाना अनिवार्य किया गया है।
उज्जैन, पीटीआइ। ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर में शीघ्र दर्शन के लिए टिकट खरीदने के दौरान श्रद्घालुओं को पहचान-पत्र दिखाना अनिवार्य किया गया है। शुक्रवार से मंदिर में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। भक्तों को मंदिर में प्रवेश देने से पहले पहचान-पत्र की जांच की जा रही है। महाकाल मंदिर में कुछ समय पहले तक 250 रुपये की शीघ्र दर्शन टिकट खरीदने पर पहचान-पत्र दिखाने की अनिवार्यता थी। काउंटर कर्मचारी टिकट खरीदने वाले दर्शनार्थी का फोटो भी खींचते थे। इसका मंदिर से जुड़े कुछ लोगों ने विरोध किया था। इसके बाद नियमों में शिथिलता बरती जा रही थी।
सवालों के घेरे में व्यवस्था
दरअसल, विकास दुबे प्रकरण के बाद ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। विकास दुबे बृहस्पतिवार को मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था जो शुक्रवार को मुठभेड़ में मार गिराया गया। यह पहला मौका नहीं है जब महाकाल मंदिर में खतरनाक अपराधी ने बिना रोक-टोक प्रवेश किया हो। इससे पहले भी दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर मंदिर में प्रवेश कर चुका है।
प्रोटोकॉल कार्यालय से बिना पड़ताल के अनुमति
मंदिर प्रशासन ने रसूखदारों को बिना परेशानी दर्शन कराने के लिए प्रोटोकॉल कार्यालय खोल रखा है। यहां से बिना जांच-पड़ताल के दर्शन की विशेष अनुमति दी जाती है। इस कार्यालय में किसी सक्षम अधिकारी की ड्यूटी भी नहीं होती है, जिसकी अनुमति से दर्शन कराए जाते हों। लॉकडाउन के दौरान भी प्रोटोकॉल कार्यालय चालू रहा।
काशी विश्वनाथ जैसी होगी सुरक्षा व्यवस्था
गुरुवार को गैंगस्टर विकास दुबे ने शंखद्वार स्थित रसीद काउंटर से 250 रुपये की शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर ही मंदिर में प्रवेश किया था, जिसके बाद व्यवस्था को लेकर सख्ती बरती जा रही है। एसपी मनोज सिंह ने बताया कि महाकाल मंदिर में काशी विश्वनाथ जैसी सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। वहां, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी काम करती हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था देखने और उसे उज्जैन में लागू करने के लिए उज्जैन पुलिस का एक दल जल्द वाराणसी जाएगा।