Move to Jagran APP

कोरोना से मौत के मामले में पोस्टमार्टम जरूरी नहीं, आइसीएमआर ने जारी की गाइडलाइन

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कोरोना वायरस से होने वाली मौतों के मेडिको लीगल आटोप्सी के बारे में गाइडलाइन जारी की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 01:46 AM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 01:46 AM (IST)
कोरोना से मौत के मामले में पोस्टमार्टम जरूरी नहीं, आइसीएमआर ने जारी की गाइडलाइन
कोरोना से मौत के मामले में पोस्टमार्टम जरूरी नहीं, आइसीएमआर ने जारी की गाइडलाइन

नई दिल्ली, पीटीआइ। अस्पताल में इलाज के दौरान किसी कोरोना पीडि़त की मौत के मामले में पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं है। ऐसे मरीजों की मौत गैर मेडिको लीगल केस के दायरे में आती है। यह सलाह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) द्वारा कोविड-19 से होने वाली मौतों के मेडिको लीगल आटोप्सी के बारे में जारी अपनी गाइडलाइन में दी गई है।

loksabha election banner

पारंपरिक तरीका अपनाने की जरूरत नहीं

गाइडलाइन में कहा गया कि जिन मरीजों का पोस्टमार्टम करना जरूरी भी हो उसमें पारंपरिक तरीका अपनाने की जरूरत नहीं है। ज्यादा चीरफाड़ से अंगों के रिसाव से डाक्टरों, मोच्र्युरी (मुर्दाघर) के कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों और शव की अंत्येष्टि करने वालों को संक्रमण का गंभीर खतरा हो सकता है।

...तब माने जाएंगे गैर मेडिकोलीगल केस

आइसीएमआर द्वारा मंगलवार को जारी इन गाइडलाइन में कहा गया कि जिन कोरोना मरीजों की अस्पताल या मेडिकल केयर यूनिट में मौत होती है वे गैर मेडिकोलीगल केस माने जाएंगे। इनके पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं होगी। इनका इलाज करने वाले डाक्टर ही इनकी मृत्यु का प्रमाणपत्र जारी कर देंगे।

देनी होगी पुलिस को सूचना

कोरोना के संदिग्ध मरीजों के शव अस्पताल लाए जाने पर इमर्जेसी में तैनात डॉक्टर मेडिको लीगल केस का लेबेल लगाएंगे और शव मुर्दाघर भेजकर पुलिस को सूचना देंगे। पुलिस को यदि जरूरी लगेगा तभी पोस्टमार्टम होगा। गाइडलाइन के अनुसार ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम टाला जा सकता है।

संदेह होने पर भेजने होंगे सारे रिकॉर्ड

हत्या, दुर्घटना या आत्महत्या के मामले में अगर मृतक कोरोना से पीडि़त होने का संदेह होता है तो उसके शव के साथ इलाज के सभी रिकार्ड भी पोस्टमार्टम करने वालों को भेजने होंगे। इन मेडिको लीगल मामलों में भी सभी पहलुओं पर गौर करते यदि किसी शक की गुंजाइश नहीं होती तो पुलिस पोस्टमार्टम टाल सकती है। पुलिस के अधिकारियों को इस मामले में विशेष रूप से सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

13 मान्य फर्मों से रैपिड जांच किट खरीद सकते हैं राज्य

मंगलवार को केंद्र सरकार बांबे हाइकोर्ट को सूचित किया कि राज्य सरकारें कोरोना की जांच के लिए मान्य 13 फर्मो से रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट खरीद सकती है। पहले, इन किटों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के जरिए खरीदना होता था। हाइकोर्ट की नागपुर पीठ के जस्टिस आर बी देव श्रीवराय कुलकर्णी द्वारा याचिका दायर पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में महाराष्ट्र के अमरावती जिले में कोरोना मरीजों की जांच पर चिंता जताई गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.