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एक घंटे में कोरोना की जांच करने वाले फेलुदा का रास्ता साफ, पढ़ें- आइसीएमआर के दिशानिर्देश

Feluda पेपर टेस्ट के इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दिखाते हुए ICMR ने एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा है कि इस 40 मिनट की टेस्ट प्रक्रिया को आगे किसी अप्रूवल की जरूरत नहीं है। DCGI ने इस पद्धति के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:18 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 09:26 PM (IST)
एक घंटे में कोरोना की जांच करने वाले फेलुदा का रास्ता साफ, पढ़ें- आइसीएमआर के दिशानिर्देश
Feluda पेपर टेस्ट के इस्तेमाल के लिए ICMR की एडवाइजरी जारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक घंटे में कोरोना की सटीक जानकारी देने वाले 'फेलुदा' टेस्टिंग किट का रास्ता साफ हो गया है। आइसीएमआर ने इससे टेस्टिंग करने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है। आइसीएमआर के अनुसार टेस्टिंग लैब को उन्हीं दिशानिर्देशों का पालन करना होगा, जिनका वे आरटी-पीसीआर टेस्ट के दौरान पालन करते थे। इस किट को सीएसआइआर की दिल्ली स्थित जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने तैयार किया है।

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आइसीएमआर के अनुसार देश में लगभग दो लेबोरेटरी को कोरोना की टेस्टिंग का लाइसेंस दिया गया है। ये सभी टेस्टिंग लैब को आरटी-पीसीआर या किसी अन्य टेस्ट के साथ-साथ फेलुदा टेस्ट करने की भी छूट होगी। लेकिन टेस्टिंग लैब को रियल टाइम रिपोर्टिग में आइसीएमआर को जानकारी देगी कि टेस्टिंग फेलुदा से किया गया है या फिर आरटी-पीसीआर से। सबसे बड़ी बात यह है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट का रिजल्ट आने में लगभग 24 घंटे लग जाते हैं, लेकिन फेलुदा टेस्ट का रिजल्ट एक घंटे से भी कम समय में आ जाएगा।आइसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अत्यधिक समय लगने के कारण आरटी-पीसीआर टेस्ट बड़े पैमाने पर करना संभव हो पाता है।

इसी कारण एंटीजन टेस्ट का सहारा लिया, जिसका रिजल्ट आधे घंटे में आ जाता है। लेकिन एंटीजन टेस्ट में समस्या यह है कि आधे मामले में यह गलत जानकारी दे देता है। इस कारण से कोरोना के लक्षण वाले मरीजों का एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने के बाद फिर से उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना पड़ता है। फेलुदा में इन दोनों समस्याओं का समाधान है। एक घंटे के भीतर रिजल्ट आने से इससे बड़े पैमाने पर टेस्ट कराया जा सकता है। सटीकता के मामले में यह आरटी-पीसीआर टेस्ट भी बेहतर ही है। ऐसे में फेलुदा टेस्ट में निगेटिव या पोजिटिव पाए जाने के बाद उसे सुनिश्चित करने के लिए किसी और टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएसआइआर की प्रयोगशाला में विकसित इस टेस्टिंग किट को टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा मेडिकल एंड डायगनोस्टिक लिमिटेड ने फेलुदा के नाम से बाजार में उतारा है।

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