आइसीएमआर ने सीएसआइआर के कोरोना जांच के कम समय और कम लागत वाले तरीके को दी मंजूरी
सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि आरएनए एक्सट्रैक्शन के साथ 500 नमूनों की जांच के लिए औसतन चार घंटे का वक्त लगता है। वहीं सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने कहा कि ड्राई स्वैब से आरटी-पीसीआर की जांच में कम लागत आती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय आयुर्विवज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कोरोना जांच के एक सरल और तेज तरीके को मंजूरी दी है, जिससे न केवल आरटी-पीसीआर की जांच की संख्या बढ़ाई जा सकती है, बल्कि जांच की लागत में भी काफी कमी लाई जा सकती है। यह जानकारी शनिवार को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) ने दी।
ड्राई स्वैब आरटी-पीसीआर से जांच को दो से तीन गुना बढ़ाया जा सकता है
हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मालीक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) द्वारा विकसित तरीका ड्राई स्वैब आरटी-पीसीआर, वर्तमान में चल रहे आरटी-पीसीआर का ही एक प्रकार है। इसके जरिये बगैर अतिरिक्त संसाधनों के जांच को दो से तीन गुना बढ़ाया जा सकता है।
ड्राई स्वैब तरीके के इस्तेमाल की आइसीएमआर ने जारी की एडवाइजरी
सीएसआइआर ने कहा कि इस तरीके के आकलन और इसकी 96.9 फीसद सुसंगतता के बाद कम खर्च और तीव्र परिणाम को देखते हुए सीएसआइआर-सीसीएमबी के ड्राई स्वैब तरीके के इस्तेमाल की आइसीएमआर ने एडवाइजरी जारी की है।
ड्राई स्वैब के छलकने और संक्रमण फैलने का खतरा भी काफी कम होता
उल्लेखनीय है सीसीएमबी अप्रैल से ही कोरोना नमूनों की जांच कर रहा है। तेलंगाना में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ करीब से काम करते हुए इसने कुछ ऐसे मुद्दों की पहचान की जो जांच की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। इस समस्या का हल निकालने के लिए शोधकर्ताओं ने कोरोना जांच के लिए ड्राई स्वैब आरएनए-एक्सट्रैक्शन फ्री तरीके का विकास किया। स्वैब सूखा होने से उसे जांच के लिए लाने-ले जाने में समस्या कम आती है। साथ ही इसके छलकने और संक्रमण फैलने का खतरा भी काफी कम होता है।
500 नमूनों की जांच के लिए औसतन चार घंटे का वक्त लगता: सीसीएमबी निदेशक
सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि आरएनए एक्सट्रैक्शन के साथ 500 नमूनों की जांच के लिए औसतन चार घंटे का वक्त लगता है। वहीं सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने कहा कि ड्राई स्वैब से आरटी-पीसीआर की जांच में कम लागत आती है।