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Main Bhi Digital: चटोरी गलियों में मिलेगी चाट भुगतान की डिजिटल सुविधा, जानें- सरकार की क्या है योजना

शहरी क्षेत्रों में पटरी दुकानदारों को सूचना प्रौद्योगिकी के मार्फत सशक्त बनाने के लिए मैं भी डिजिटल 3.0 की टैग लाइन दी गई है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के इन दुकानदारों को बैंक से रियायती और मामूली शर्तों पर ऋण भी दिया जा रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 08:14 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 08:14 PM (IST)
Main Bhi Digital: चटोरी गलियों में मिलेगी चाट भुगतान की डिजिटल सुविधा, जानें- सरकार की क्या है योजना
फेरी दुकानदारों के लिए खुले डिजिटल दरवाजे (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरों में फेरी लगाने और चाट-पकौड़ी की दुकानों पर भुगतान की डिजिटल सुविधा होगी। गलियों में लगने वाली इन अस्थायी दुकानों के दुकानदारों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। सारा भुगतान यूपीआइ और क्यूआर कोड के जरिये किया जा सकेगा। इसके लिए देश के 223 शहरों के ऐसे स्ट्रीट वेंडर यानी गली-कूचों में अस्थायी दुकान और फेरी लगाने वालों को चिह्नित कर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। इसमें इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर शहरी विकास मंत्रालय ने यह योजना चालू की है।

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शहरी क्षेत्रों में इन पटरी दुकानदारों को सूचना प्रौद्योगिकी के मार्फत सशक्त बनाने के लिए 'मैं भी डिजिटल: 3.0' की टैग लाइन दी गई है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के इन दुकानदारों को बैंक से रियायती और मामूली शर्तों पर ऋण भी दिया जा रहा है। शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक इस डिजिटल अभियान में भारतपे, एमस्वाइप, फोनपे, पेटीएम और एसवेयर हिस्सा ले रहे हैं। इन छोटे व्यापारियों में डिजिटल भुगतान को लेकर होने वाले भ्रांतियों को जहां दूर किया जाएगा, वहीं इन्हें इसमें लेनदेने करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे उनकी आदतों में भी बदलाव लाने पर जोर दिया जाएगा।

शहरी विकास मंत्रालय की पूरी कोशिश है कि इन स्ट्रीट वेंडरों को हर हाल में डिजिटल भुगतान प्रणाली से जोड़ दिया जाए। इसमें भी 22.41 लाख इस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। इनमें से 7.24 लाख वेंडर यानी दुकानदार अपना पूरा भुगतान डिजिटल प्रणाली से ही प्राप्त कर रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक अब तक 5.92 करोड़ डिजिटल लेनदेन हो चुका है। 

45.5 लाख स्ट्रीट वेंडरों ने किया आवेदन

पीएम स्वनिधि योजना के तहत अब तक 45.5 लाख स्ट्रीट वेंडरों ने आवेदन किया, जिसमें से 27.2 लाख लोन मंजूर कर लिया गया है। 24.6 लाख लोन की धनराशि जारी भी कर दी गई है, जिसके तहत अब तक 2444 करोड़ रुपये लाभार्थियों को प्राप्त हो चुका है। उत्साहजनक यह रहा कि पहले चरण में प्राप्त ऋण में से 70,448 स्ट्रीट वेंडरों ने अपना कर्ज समय से पहले चुका दिया है। 

जून 2020 में लांच की गई थी योजना

पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना एक जून 2020 को लांच की गई थी। इसके तहत शहरों की पटरियों और गलियों में दुकान लगाने वाले छोटे दुकानदारों के लिए सरकार की ओर से एकमुश्त 10 हजार रुपये का लोन सात फीसद की ब्याज दर पर दिया जा रहा है। इसके लिए उसे किसी तरह की कोई जमानत अथवा गारंटी देने की जरूरत नहीं है। योजना के तहत 50 लाख ऐसे दुकानदारों को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहला लोन समय पर चुकता करने वाले दुकानदारों को दूसरी बार 20 हजार और तीसरी बार 50 हजार रुपये का लोन लेने की छूट होगा। डिजिटल लेन देन करने वाले स्ट्रीट वेंडर को अलग तरह की भी छूट दी जाएगी।


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