टनल धंसने से कठुआ में जल विद्युत परियोजना ठप, आठ राज्यों में बिजली आपूर्ति प्रभावित
भूस्खलन के चलते कठुआ में एनएचपीसी की सेवा-दो जल विद्युत परियोजना की टनल धंस गई है। इसकी वजह से यहां से जम्मू-कश्मीर समेत आठ राज्यों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। टनल को ठीक करने के लिए एनएचपीसी के विशेषज्ञों की टीम पहुंची है।
कठुआ, जेएनएन। भूस्खलन से एनएचपीसी की सेवा-दो जल विद्युत परियोजना की टनल धंसने से यहां से जम्मू-कश्मीर समेत आठ राज्यों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। यह परियोजना कठुआ जिले के पहाड़ी क्षेत्र बनी में है। बांध से पावर हाउस तक पानी पहुंचाने वाली इस टनल को ठीक करने के लिए एनएचपीसी के विशेषज्ञों की टीम पहुंच गई है। टीम ने टनल का निरीक्षण किया है, लेकिन मरम्मत का काम कितने दिनों में शुरू हो सकेगा, इस बारे में पुख्ता तौर पर कोई कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है।
तीन दिन से बिजली उत्पादन ठप
बताया जाता है कि यहां तीन दिन से बिजली उत्पादन बंद पड़ा है। बांध के गेट खोलकर इसे लगभग खाली कर दिया गया है। एनएचपीसी की इस जल विद्युत परियोजना से तैयार होने वाली 120 मेगावाट बिजली को कठुआ जिले के किसी भी क्षेत्र में आपूर्ति नहीं किया जा जाता है। यह बिजली कठुआ जिला छोड़ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, राजस्थान और हरियाणा में आपूर्ति की जाती है। इस परियोजना में 40-40 मेगावाट क्षमता की तीन टरबाइन हैं। जो टनल धंसी है, उससे पावर हाउस तक पानी पहुंचाया जाता है।
बांध के गेट खोले
इसका निरीक्षण करने के लिए दिल्ली से टीम पहुंच चुकी है। इस टीम ने रविवार को पूरे दिन टनल के अंदर जाकर खराब हुए हिस्से का निरीक्षण किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 53 मीटर ऊंचे इस बांध के गेट अब पूरी तरह से खोल दिए गए हैं। बांध में रुके पानी को सेवा दरिया में छोड़ दिया गया है। सेवा दरिया रावी की सहायक नदी है। लोगों को इसके पास न जाने के लिए कहा गया है। जो बांध लबालब रहता है आज यह सूखे खड्ड जैसा नजर आ रहा है।
लाखों रुपये का घाटा
एनएचपीसी के मैनेजर रघुनाथ जाहोर ने बताया कि टनल की मरम्मत का काम सोमवार से शुरू होने की उम्मीद है। कितने दिनों में इसको ठीक कर लिया जाएगा। एनएचपीसी की टीम ने टनल के अंदर जायजा लिया है। जहां पर टनल धंसी है, वहां तक पहुंचने में टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एडिट दो और तीन के बीच टनल खराब हुई है। प्रोजेक्ट बंद होने के कारण एनएचपीसी को लाखों रुपये का घाटा हो रहा है।