हैदराबाद डॉक्टर के मर्डर से आरोपियों के एनकाउंटर तक एक नजर...
Hyderabad Doctor Murder Case के आरोपियों के एनकाउंटर पर बहस छिड़ गई है। आइए आपको बताते हैं हैदराबाद डॉक्टर के मर्डर से आरोपियों के एनकाउंटर तक तेलंगाना पुलिस ने कैसे अंजाम दिया।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस में एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई। पुलिस ने कहा कि वह आरोपितों को घटनास्थल पर लेकर गई थी। इसी दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और फरार होने की कोशिश करने लगे। इसके बाद पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में सभी आरोपित मारे गए। साइबराबाद पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस वहीं की जहां पर आरोपितों को मौत घाट उतारा गया। आइये जानते हैं पूरा मामला एक नजर में...
भारत में दुष्कर्म के मामले
भारत में 1,28,000 से ज्यादा दुष्कर्म मामले 2017 के आखिर में अदालत में लंबित थे। अदालतों में लंबित मामलों के चलते पीड़ितों को न्याय पाने में सालों साल लग जाते है।
नोट : भारत में अपराध के आंकड़े प्राथमिक अपराध नियम के अनुसार हैं। यदि किसी मामले में जहां पर पीड़ित के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है, वहां पर हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा। सरकार ‘सबसे जघन्य अपराध’ को प्राथमिक अपराध मानती है। इस मामले में दुष्कर्म मामले के आंकड़े नहीं होते हैं।
(स्रोत : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो)
पूरा मामला एक नजर में...
27 नवंबर 2019: हैदराबाद के शादनगर में घर जा रही पशु चिकित्सक के साथ चार युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर उसे जला दिया।
28 नवंबर: पशु चिकित्सक का अधजला शव शादनगर में एक पुलिया के नीचे मिला।
29 नवंबर : तेलंगाना पुलिस ने इस मामले की छानबीन के दौरान 20 से 24 साल के उम्र के चार लोगों को दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। इस घटना को लेकर देश भर में लोगों ने अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया। पुलिस ने टोल प्लाजा और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पुलिस को जानकारी मिली कि एक ट्राला यहां करीब 8 घंटे तक खड़ा रहा। इसी आधार पर पुलिस ने छानबीन शुरू की और ट्राले के ड्राइवर और 3 हेल्परों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। यहां इन आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया। इसी दिन तेलंगाना के गृह मंत्री ने महमूद अली ने बेतुका बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर बहन को फोन करने की बजाय 100 नंबर पर फोन करती तो उसे बचाया जा सकता था।
30 नवंबर: कोर्ट ने आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
01 दिसंबर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने तेजी से मुकदमा चलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के गठन की घोषणा की। इससे ये उम्मीद जगी कि इस दुस्साहसिक घटना के गुनहगारों को जल्द से जल्द सजा मिल सकेगी। तेलंगाना पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एम महेंद्र रेड्डी ने इस मामले में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की। साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया।
02 दिसंबर: तेलंगाना के हैदराबाद में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की गूंज संसद में भी सुनाई दी। सांसदों ने एक सुर में ऐसे मामलों में सख्त सजा के निर्धारण की मांग की। साथ ही त्वरित न्याय मिलने के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान सदस्यों ने दळ्ष्कर्म के दोषियों को भीड़ के हवाले करने और उन्हें नपुंसक बनाने तक के सुझाव दे डाले।
03 दिसंबर: चेरलापल्ली जेल में बंद चार आरोपितों में से एक ने किडनी की बीमारी का इलाज मुहैया कराने की मांग की है।
04 दिसंबर: मामले की सुनवाई के लिए महबूबनगर जिला अदालत में विशेष कोर्ट का गठन किया गया ताकि त्वरित न्याय हो।
06 दिसंबर: मामले के चारों आरोपितों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया।