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Rising India: अस्पतालों के कोविड वार्ड में बहुत जल्द नर्स और वार्ड ब्वाय की जगह लेगा स्वदेशी रोबोट

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) जमशेदपुर के विज्ञानी स्वदेशी रोबोट के इस प्रोजेक्ट पर काम करने में जुटे हुए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 08:00 AM (IST)
Rising India: अस्पतालों के कोविड वार्ड में बहुत जल्द नर्स और वार्ड ब्वाय की जगह लेगा स्वदेशी रोबोट
Rising India: अस्पतालों के कोविड वार्ड में बहुत जल्द नर्स और वार्ड ब्वाय की जगह लेगा स्वदेशी रोबोट

जमशेदपुर। अस्पतालों के कोविड वार्ड में अब बहुत जल्द नर्स और वार्ड ब्वाय की जगह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से युक्त ह्यूमनॉइड (मानव सदृश) रोबोट दिखाई देंगे। यह रोबोट नर्सिंग के अधिकांश काम कर सकने में दक्ष होगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी), जमशेदपुर के विज्ञानी इस प्रोजेक्ट पर काम करने में जुटे हुए हैं। पढ़े और शेयर करें जमशेदपुर से जागरण संवाददाता वेंकटेश्वर राव की रिपोर्ट।

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कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज व देखभाल में जुटे हेल्थकेयर स्टाफ को संक्रमण से बचाने के मकसद से इस रोबोट को बनाया जा रहा है। एनआइटी, जमशेदपुर के इंजीनियरों की कोशिश है कि रोबोट अस्पताल में मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच सेतु की तरह काम करे। इससे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ को हर जरूरत के लिए बार-बार मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और बिना मरीजों के सीधे संपर्क में आए ज्यादा से ज्यादा काम को संपन्न कराया जा सकेगा।

रोबोट की बड़ी खासियत इसका आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस भी होगा। ह्यूमनॉइड (मानव सदृश) रोबोट को नर्सिंग के विभिन्न कार्यों को संपन्न करने के लिए प्रोग्राम किया जा रहा है। एनआइटी के मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार डल्ला की देखरेख में यह शोध चल रहा है। बकौल प्रोफेसर कुमार, इस शोध को पूरा करने में दो से तीन माह का समय लगेगा। हेल्थकेयर में यह शोध महत्वपूर्ण साबित होगा। विभिन्न कंपनियां इस प्रोजेक्ट पर फंडिंग करने को भी तैयार हैं।

आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस से युक्त यह रोबोट अपनी खास प्रोग्राामिंग की वजह से मरीजों का बुखार मापने, उन्हें और स्वास्थयकर्मियों को सैनिटाइज होने के लिए हैंड सैनिटाइजर देने, मास्क पहनने समेत बचाव और सफाई को लेकर जागरूक करने समेत कई कार्यों को कुशलतापूर्वक अंजाम देगा। मानव की तरह ही देखने, सुनने और समझने वाला यह रोबोट कई मायने में खास होगा। कई जरूरी काम यह प्रोग्रामिंग में शामिल निर्देश के अनुरूप करता चलेगा, जिसके लिए इसे बार-बार निर्देश देने की आवश्यकता नहीं होगी। यह जितनी बार मरीज के पास जाएगा, उतनी बार खुद को भी सैनिटाइज करेगा, ताकि इसके संपर्क में आकर चिकित्सक, नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित न हों। रोबोट में ये सारी गतिविधियां एक प्रोग्राम कोड के जरिये संपन्न कराई जा सकेंगी, जिसे एनआइटी में विकसित किया जा रहा है। डॉ. विजय कुमार के अनुसार अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित किए जा रहे हैं।

रोबोट के लिए कंपनियों से हो रही बातचीत

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से युक्त कोविड-19 वार्ड में नर्सिंग में दक्ष ह्यूमनॉइड रोबोट का व्यावसायिक उत्पादन करने के लिए विभिन्न कंपनियों से बातचीत चल रही है। अब तक पांच कंपनियों से इस संबंध में बातचीत हो चुकी है। हालांकि अभी एनआइटी किसी कंपनी का नाम बताने से परहेज कर रहा है। कंपनियों को एनआइटी ने अपनी शर्तें बता दी हैं। इस प्रोजेक्ट में एनआइटी के मैकेनिकल विभाग के कुछ चुनिंदा छात्रों को भी लगाया गया है। संस्थान इस तकनीकी और रोबोट की अन्य विशेषताओं को सार्वजनिक करने से पहले पेटेंट की प्रक्रिया पूरी करेगा।

तीन माह में पूर्ण कर लिया जाएगा प्रोजेक्ट

जल्द ही हम मानव सदृश रोबोट के माध्यम से कोविड अस्पतालों में संक्रमण के खतरे को कम करने में सक्षम होंगे। यह प्रोजेक्ट अधिकतम तीन माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।

-प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार डल्ला, असिस्टेंट प्रोफेसर, मैकेनिकल विभाग, एनआइटी, जमशेदपुर।

(अस्वीकरणः फेसबुक के साथ इस संयुक्त अभियान में सामग्री का चयन, संपादन व प्रकाशन जागरण समूह के अधीन है।)


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