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अगर आप भी कैमरे की वजह से स्मार्टफोन खरीदते हैं तो ये खबर आई ओपनर है...

फोन लेते समय एक बार जरूर जांच परख लें कि कैमरे के जो फीचर आपको बताए गए हैं क्या वो सही हैं या नहीं। आपसे झूठे दावे तो नहीं किए गए।

By Arti YadavEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 01:06 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 03:27 PM (IST)
अगर आप भी कैमरे की वजह से स्मार्टफोन खरीदते हैं तो ये खबर आई ओपनर है...
अगर आप भी कैमरे की वजह से स्मार्टफोन खरीदते हैं तो ये खबर आई ओपनर है...

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिन-प्रतिदिन लोगों में सोशल मीडिया के प्रति क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। हर उम्र के लोग सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट आदि पर एक्टिव रहते हैं और अपनी नई तस्वीरें अपलोड करते हैं। हर कोई चाहता है कि वह सोशल मीडिया पर वह अपनी सबसे खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट करे, जिससे उनकी तस्वीरों को ज्यादा से ज्यादा लाइक और कमेंट्स मिलें। इसके चलते उपभोक्ता नया स्मार्टफोन लेते समय सबसे पहले इस बात पर ध्यान देते हैं कि फोन का कैमरा कैसा है।

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फोन निर्माता भी उपभोक्ताओं की इस कमजोरी को बहुत अच्छे से पहचानते हैं और इसका फायदा उठाते हैं। इसलिए फोन के कैमरे फीचर पर विशेष ध्यान देते हैं और विज्ञापन में सबसे अच्छे कैमरे क्वालिटी का दावा भी करते हैं। आपने मोबाइन फोन के ऐसे कई विज्ञापन देखे होंगे, जिसमें कंपनियां अपने फोन के कैमरे की तस्वीरें दिखाकर, अच्छा कैमरा होने का दावा करती हैं। लेकिन किसी भी कंपनी का स्मार्टफोन लेते समय एक बार उसकी जांच-परख जरूर कर लें। क्या पता जिस तस्वीर को देखकर आपने फोन खरीदने का निर्णय लिया हो, वो फोटो मोबाइल के कैमरे से नहीं, बल्कि डीएसएलआर से ली गई हो।

जी हां अमेरिका में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुआवेई डीएसएलआर से ली गई तस्वीर को फोन से ली गई फोटो बताकर स्मार्टफोन बेच रही थी। फोन निर्माता कंपनी उपभोक्ताओं को भ्रम में रखकर अपने मोबाइल की बिक्री कर रही थी। हुआवेई की पोल तब खुली, जब एक अभिनेत्री ने शूट के समय की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की। यह अभिनेत्री हुआवेई के स्मार्टफोन नोवा 3 के विज्ञापन के लिए शूट कर रही थी। इन तस्वीरों में ये साफ दिख रहा था कि सेल्फी के लिए डीएसएलआर का इस्तेमाल किया गया था न की फोन के कैमरे का।

इस सेल्फी का इस्तेमाल स्मार्टफोन के विज्ञापन में किया गया था। विज्ञापन के अनुसार फोन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-ड्रिवन ब्यूटी फीचर आपकी तस्वीर को डिजिटल तरीके से क्लिक करता है, जिसकी वजह से यूजर तस्वीर में बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। अच्छा दिखने के लिए यूजर को मेकअप करने की भी जरूरत नहीं है।

हुआवेई ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी ने कभी भी ऐसा कोई दावा नहीं किया कि ये तस्वीरें नोवा 3 स्मार्टफोन से ली गई हैं। मामले को तूल पकड़ता देख अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम से तस्वीरें हटा ली हैं। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब हुआवेई ने अपने विज्ञापन में झूठा दावा किया हो। इससे पहले भी कंपनी कई बार इस तरह के झूठे दावे कर चुकी है। बता दें कि हुआवेई और उसके ब्रांड ऑनर के स्मार्टफोन भारत में भी बहुत प्रचलित हैं। इनकी यहां पर भी बहुत डिमांड है।


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