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HRD मिनिस्ट्री अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा, नई शिक्षा नीति की समिति ने की सिफारिश

दुनिया के सभी प्रमुख देशों में शिक्षा का काम देखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ही है। नई शिक्षा नीति तैयार करने वाली कस्तूरीरंगन कमेटी ने भी इस बदलाव को जरूरी बताया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 08:39 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 11:34 PM (IST)
HRD मिनिस्ट्री अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा, नई शिक्षा नीति की समिति ने की सिफारिश
HRD मिनिस्ट्री अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा, नई शिक्षा नीति की समिति ने की सिफारिश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को लागू करने की समयसीमा को लेकर अभी भले ही सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन यह साफ हो गया है, कि इस नीति के अमल के साथ ही मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय का नाम भी बदल जाएगा। इसके साथ ही इसे फिर शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।

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मंत्रालय का 1985 में नाम बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया गया था

करीब 34 साल पहले 1985 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने शिक्षा मंत्रालय के नाम को बदलकर इसका नाम मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय कर दिया था। फिलहाल प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के मसौदे को मंत्रालय ने अंतिम रुप दे दिया है। अब इसे सिर्फ कैबिनेट की मंजूरी मिलना बाकी है।

मंत्रालय के नाम में बदलाव की मांग और समर्थन

इस बीच प्रस्तावित नीति के अंतिम मसौदे में शिक्षा से जुड़े तमाम बड़े सुधारों के साथ मंत्रालय के नाम को बदलने की सिफारिश की गई है। खासबात यह है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नाम को बदलने की पहले भी कई मांगे उठ चुकी है। हाल में मंत्रालय के नाम में बदलाव की मांग राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़ी संस्था भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से की गई थी। जिसका बड़ी संख्या में शिक्षाविदों ने समर्थन भी किया था।

मंत्रालय का नाम भले ही बदला था, लेकिन काम पहले जैसा ही था

लोगों का कहना था कि नाम भले ही बदल दिया गया है, लेकिन इसका काम पहले जैसा ही था। हालांकि नाम में इस बदलाव से भ्रम जरूर हो गया। इस बीच नीति को अंतिम रुप देने वाली टीम ने साफ किया है कि मंत्रालय के नाम में बदलाव से यह साफ हो जाएगा, कि उसे शिक्षा के क्षेत्र में ही फोकस करना होगा।

कस्तूरीरंगन कमेटी ने भी नाम बदलाव पर लगाई मुहर

दुनिया के सभी प्रमुख देशों में शिक्षा का काम देखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ही है। खासबात यह है कि नई शिक्षा नीति तैयार करने वाली कस्तूरीरंगन कमेटी ने भी इस बदलाव को जरूरी बताया था। 


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