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Leprosy Prevention Day 2020: सवा सौ साल से कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रहा यह अस्पताल, मरीजों को मिल रहीं ये खास सुविधाएं

Leprosy Prevention Day 2020 कुष्ठ रोगियों को यह अस्पताल बना रहा स्वावलंबी। समाज की मुख्यधारा से जोड़े रहने के उद्देश्य से अस्पताल परिसर में ही कुटीर उोग का संचालन किया जा रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:29 AM (IST)
Leprosy Prevention Day 2020: सवा सौ साल से कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रहा यह अस्पताल, मरीजों को मिल रहीं ये खास सुविधाएं
Leprosy Prevention Day 2020: सवा सौ साल से कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रहा यह अस्पताल, मरीजों को मिल रहीं ये खास सुविधाएं

राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। Leprosy Prevention Day 2020 छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव चंद्रखुरी में अमेरिकी चिकित्सक डॉ. रेव नॉट्रोट ने वर्ष 1897 में कुष्ठ रोगियों के इलाज के लिए छोटा सा अस्पताल बनाया था। उस वक्तवे उन रोगियों का इलाज करते थे, जिन्हें कुष्ठ रोग होने के कारण स्वजन घर से निकाल देते थे। यही नहीं, कुष्ठ रोगियों के प्रति हमदर्दी कहें या फिर सेवा भाव डॉ. नॉट्रोट तब गांव-गांव जाकर ऐसे रोगियों को खोजते और यहां ले आते।

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150 से ज्यादा हैं बेड

इलाज से लेकर अन्य सेवाएं एकदम मुफ्त। अस्पताल में रखना, इलाज करना और दोनों वक्त के भोजन की सुविधा भी बेहद सहजता के साथ किया करते थे। उनकी यह परंपरा आज भी इस अस्पताल में कायम है। द लेप्रोसी अस्पताल के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले चंद्रखुरी के इस अस्पताल में वर्तमान में 150 से ज्यादा बेड हैं।

समय के साथ अस्पताल का स्वरूप बदला

डॉ. रेव द्वारा संचालित अस्पताल की जानकारी तब अमेरिकी मिशनरी को हुई और उसने भी इसमें सहयोग करना शुरू किया। इंजील चर्च ने तब रोगियों के लिए अस्पताल के आसपास कमरे बनाना शुरू किया। शुरुआत में सात कमरे बनाए गए। सभी कमरों में तीन-तीन बेड की व्यवस्था की गई थी। समय के साथ अस्पताल का स्वरूप भी बदला। वर्ष 1995 में सात कमरों के अस्पताल को भव्य स्वरूप दिया गया। अब यहां कुष्ठ रोगियों के इलाज के लिए तमाम अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी तैनात है।

आज भी डॉ. रेव के बताए रास्ते पर ही रोगियों का इलाज हो रहा है। कुष्ठ रोगियों के लिए आवास की बेहतर व्यवस्था की गई है। इलाज पूरी तरह मुफ्त हो रहा है। दो वक्त के भोजन की व्यवस्था भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा ही की जा रही है।

रोगियों को बना रहे स्वावलंबी..

कुष्ठ रोगियों को यह अस्पताल स्वावलंबी भी बना रहा है। समाज की मुख्यधारा से जोड़े रहने के उद्देश्य से अस्पताल परिसर में ही कुटीर उोग का संचालन किया जा रहा है। रोगियों को कौशल प्रशिक्षण देकर उनकी के योग्यता के अनुसार कुटीर उद्योग में काम दिया जाता है। कृषि कार्य भी यहां किया जाता है।


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