Honeytrap Case:पूछताछ के लिए नोटिस भी नहीं दे सकी एसआइटी, 44 लोग थे महिला आरोपितों के संपर्क में
Honey Trap Case हनीट्रैप की आरोपितों से पूछताछ और उनके कॉल डिटेल की जांच में कई अफसरों समेत कुछ रसूखदारों के नाम सामने आने पर जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। HoneyTrap Case: मध्य प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) आइएएस अफसरों समेत उन रसूखदारों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए भी नहीं बुला सकी है, जिनके नाम जांच में सामने आए थे। इस बारे में एसआइटी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में बताया कि हनीट्रैप मामले की महिला आरोपितों से पूछताछ के दौरान 44 लोगों के नाम सामने आए हैं। ये लोग आरोपितों के संपर्क में थे। इनमें प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के दो सेवानिवृत्त अधिकारी, एक प्रमुख सचिव स्तर के सेवानिवृत्त अधिकारी समेत एक मौजूदा अतिरिक्त मुख्य सचिव और सचिव स्तर के आइएएस अधिकारी शामिल हैं। अब हाईकोर्ट इस मामले में आगे की कार्यवाही के लिए एसआइटी को निर्देश दे सकता है।
रसूखदारों को बचाने की कोशिशों का मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका
दरअसल, मध्य प्रदेश में हनीट्रैप मामले की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार ने स्पेशल डीजी राजेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया था। इस बीच हनीट्रैप की आरोपितों से पूछताछ और उनके कॉल डिटेल की जांच में कई वरिष्ठ आइएएस अफसरों समेत कुछ रसूखदारों के नाम सामने आने पर इस मामले की जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसे लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि मामले में रसूखदारों को बचाया जा रहा है। लिहाजा इस मामले की जांच सीबीआइ से कराई जाए। मप्र हाईकोर्ट ने एसआइटी को निर्देश देकर उन सभी लोगों के नाम पूछे थे, जिनके नाम जांच में सामने आए हैं। एसआइटी ने बंद लिफाफे में 44 लोगों के नाम मप्र हाईकोर्ट को दिए हैं।
इंजीनियर ने कराई थी एफआइआर
भोपाल और इंदौर में हनीट्रैप मामले का खुलासा तब हुआ, जब इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने पुलिस में शिकायत की थी कि कुछ युवतियां उसे अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रही हैं और तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और भोपाल में रह रहीं श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी को गिरफ्तार किया था। जांच में उनके द्वारा कई हाई प्रोफाइल लोगों के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की बात सामने आई थी।
एसआइटी प्रमुख जल्द होंगे सेवानिवृत्त
एसआइटी प्रमुख (विशेष पुलिस महानिदेशक) राजेन्द्र कुमार अगस्त महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद मप्र सरकार को नया प्रमुख बनाना होगा। इसकी जानकारी सरकार को कोर्ट को भी देना होगी। अब राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती होगी कि इस हाई प्रोफाइल और कुख्यात मामले की जांच का मुखिया किसको बनाया जाए।