कश्मीर में आतंकियों पर भारी पड़ेगी इस बार की सर्दी, ये है वजह
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घाटी में पाकिस्तान कश्मीर में हमेशा लगभग 300-350 आतंकियों की संख्या को बनाए रखता था।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। इस बार की सर्दियां कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को ठंडा कर सकती है। बर्फबारी के बाद घुसपैठ के रास्ते बंद हो चुके हैं और आतंकी फंडिंग पर एनआइए का शिकंजा कस गया है। ऐसे में घाटी में बचे-खुचे आतंकियों के लिए अपनी गतिविधियां चलाना आसान नहीं होगा।
आतंकियों की कमजोर स्थिति को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को आपरेशन और तेज करने का निर्देश दे दिया गया है। इस बीच घाटी में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मिलकर कर लौटे केंद्र के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा ने गृह मंत्री राजनाथ को बातचीत की जानकारी दी।
घाटी में पहली बर्फबारी के साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर में हालात की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी बैठक में मौजूद थे। घाटी के हालात पर एक विस्तृत प्रजेंटेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि किस तरह घाटी में आतंकी और अलगाववादी दोनों हाशिये पर चले गए हैं। बर्फबारी शुरू होने के बाद नए आतंकियों के घुसपैठ के रास्ते बंद हो चुके हैं। ऐसे में घाटी में बचे-खुचे आतंकियों को खत्म करना जरूरी है। इससे बातचीत के माध्यम से समस्या के स्थाई समाधान का रास्ता साफ हो सकेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घाटी में आतंकी गतिविधियों को जारी रखने के लिए पाकिस्तान हमेशा आतंकियों की संख्या को लगभग 300-350 बनाए रखता था। लेकिन इस साल अभी तक लगभग 184 आतंकी मारे जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी के कारण पाकिस्तान से आतंकियों की होने वाली घुसपैठ रोकने में काफी हद तक सफलता मिली है। इस कारण फिलहाल घाटी में 150 से भी कम सक्रिय आतंकी बचे हैं। कमांडर स्तर के आतंकियों की संख्या बेहद कम हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद सुरक्षा एजेंसियों को बचे हुए आतंकियों को खत्म करने के लिए अभियान तेज करने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की नियुक्ति से आतंकियों के खिलाफ अभियान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बुधवार की बैठक में साफ कर दिया गया कि अंतिम आतंकी को मार गिराने तक आपरेशन आलआउट जारी रहेगा। आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने इस साल आपरेशन आलआउट शुरू किया था।
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