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कीमो या रेडियोथेरेपी ले रहे ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में Coronavirus का खतरा अधिक, रखें ये सावधानियां

Coronavirus Breast Cancer Patients डॉ. राजेश मल्होत्रा ने बताया कि कैंसर रोगी भोजन में पौष्टिक आहार को प्राथमिकता दें। खाने में विटामिन सी वाले भोज्य पदार्थों को शामिल करें।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 01:09 PM (IST)
कीमो या रेडियोथेरेपी ले रहे ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में Coronavirus का खतरा अधिक, रखें ये सावधानियां

नई दिल्‍ली। Coronavirus & Breast Cancer Patients: कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को कोरोना तेजी से अपना शिकार बना रहा है। लॉकडाउन और संक्रमण को रोकने के लिए चल रही स्थिति में ब्रेस्ट कैंसर के वे रोगी, जिन्हें कीमो या रेडियोथेरेपी करानी पड़ रही है, उनके लिए यह समय मुश्किल भरा है। ऐसे रोगियों को चाहिए कि वे अपने चिकित्सक से परामर्श कर हर सप्ताह थेरेपी लेने के बजाय दो से तीन सप्ताह का विकल्प चुनें और ज्यादा बार अस्पताल जाने से बचें। जानें क्‍या कहते है गुरुग्राम के सी के बिरला हॉस्पिटल के ब्रेस्ट एंड सर्जिकल कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रोहन खंडेलवाल।

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घातक हैं कई अन्य संक्रमण: ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों या इससे जंग जीत चुके लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए कोरोना के संक्रमण के अतिरिक्त अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेस्ट कैंसर का उपचार ले रहे रोगियों पर रिस्क तब और बढ़ जाता है, जब उन्हें किसी दूसरे रोग की भी समस्या होती है। हालांकि ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में कोरोना का खतरा रोगी में संक्रमण की स्थिति के हिसाब से ही होता है। यदि ब्रेस्ट कैंसर रोगी हाइपरटेंशन या डायबिटीज से संक्रमित है तो संक्रमण का खतरा अन्य रोगियों की अपेक्षा बढ़ जाता है।

कमजोर इम्युनिटी है कारण: कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी से भी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। रेडियोथेरेपी के दौरान, ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों को अस्पताल अधिक जाना पड़ता है, इसलिए उन्हें संक्रमण से बचने के सभी उपाय अपनाने चाहिए।

कीमोथेरेपी के अन्य विकल्प: जिस प्रकार का परिदृश्य हमारे सामने है, ऐसे में कोविड-19 का प्रकोप शांत होने में समय लगेगा। पर कैंसर जैसी बीमारी के उपचार को ज्यादा दिनों तक टाला नहीं जा सकता। गंभीर अवस्था वाले ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों को समय से इलाज देना जरूरी होता है, जिससे कि रोग का संक्रमण अधिक न होने पाए। इसके साथ ही हर सप्ताह कीमोथेरेपी देने के बजाय समय को थोड़ा और बढ़ाया जा सकता है। जबकि सर्जरी के मरीजों को उसी दिन या अगले दिन छुट्टी देकर लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने से बचाना चाहिए। मेटास्टेटिक रोग (शरीर के बाकी हिस्सों में फैलने वाली बीमारी) के रोगियों के लिए यदि संभव हो तो मौखिक कीमोथेरेपी/ हार्मोनल थेरेपी का विकल्प चुना जा सकता है।

एनेमिक न होने पाएं: कैंसर रोगी भोजन में पौष्टिक आहार को प्राथमिकता दें। खाने में विटामिन सी वाले भोज्य पदार्थों को शामिल करें। इसके अलावा एक गिलास नींबू पानी या विटामिन सी के सप्लीमेंट का विकल्प भी चुना जा सकता है। यदि रोगी की कीमोथेरेपी चल रही है (जो इम्युनिटी और श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या को कम कर सकता है) तो शरीर में रक्त की मात्रा का भी ध्यान रखें और चिकित्सक से समय-समय पर परामर्श लेते रहें। साथ ही अस्पताल जाते समय रोगी व स्वजन मास्क व ग्लव्स का प्रयोग जरूर करें।


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