Move to Jagran APP

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल के अगुवा बनेंगे उच्च शिक्षण संस्थान, यूजीसी ने तेज की मुहिम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले विश्वस्तरीय बनाने के लिए चिन्हित किए गए बीस उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा। बाद में उसी के अनुरूप उसे दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों में भी अपनाया जाएगा। यूजीसी ने इसे लेकर पूरी योजना तैयार कर ली है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:31 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:31 PM (IST)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल के अगुवा बनेंगे उच्च शिक्षण संस्थान, यूजीसी ने तेज की मुहिम
उच्च शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति का अमल सरकार के लिए आसान।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल की तैयारी वैसे तो सभी स्तरों पर अपने-अपने तरीके से चल रही है, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों में नीति का प्रभावी अमल सबसे पहले दिखेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इसे लेकर पूरी योजना तैयार भी कर ली है। इसके तहत नीति को सबसे पहले विश्वस्तरीय बनाने के लिए चिन्हित किए गए बीस उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा। बाद में उसी के अनुरूप उसे दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों में भी अपनाया जाएगा।

prime article banner

उच्च शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति का अमल सरकार के लिए आसान

उच्च शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति का अमल वैसे भी सरकार के लिए आसान है, क्योंकि यह सभी यूजीसी या केंद्र सरकार के अधीन एजेंसियों के नियम-कायदों से ही संचालित होते है। इसके साथ ही विश्वस्तरीय बनाने के लिए चिन्हित किए गए जिन बीस उच्च शिक्षण संस्थानों में इसे सबसे पहले लागू करने की योजना बनाई गई है, उनमें दस सरकारी और दस निजी क्षेत्र के उच्च शिक्षण संस्थान शामिल है। इनमें से सरकारी क्षेत्र के दस संस्थानों को विश्वस्तरीय सुविधाएं जुटाने के लिए सौ-सौ करोड़ रुपए भी दिए जाने है। इनमें से एक बड़ी राशि इन संस्थानों को उपलब्ध भी करा दी गई है। इस बीच नीति के अमल की जो योजना बनाई गई है, उसके तहत इन संस्थानों को अपने यहां नीति के मुताबिक सभी छोड़े-बड़े बदलावों को अपनाना होगा। फिलहाल इस दिशा में इन संस्थानों ने काम भी शुरू कर दिया है। छात्र-शिक्षक प्रतिशत को पूरा करने की बड़ी मुहिम शुरु की है।

यूजीसी ने गठित की आधा दर्जन से ज्यादा कमेटियां

यूजीसी ने इस बीच नीति के अमल की जो रूपरेखा तैयार की है, उसके तहत नीति से जुड़े अलग-अलग विषयों के अमल को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा उच्चस्तरीय कमेटियां भी गठित कर दी है। जो अगले एक महीने के भीतर ही इसके अमल की रूपरेखा तैयार करके देगी। सरकार का मानना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में नीति के प्रभावी अमल से तुरंत ही इसका परिणाम भी मिलने लगेगा। साथ ही स्कूलों से जुड़कर भी इसके अमल को रफ्तार दे सकेंगे। वैसे भी स्कूलों में नीति के अमल का दारोमदार राज्यों पर ही है। ऐसे में वह जितनी जल्दी नीति के बदलावों को लागू कर देंगे, उतनी जल्दी ही परिणाम भी मिलने लगेगा।

विश्वस्तरीय बनने की दौड़ में शामिल संस्थान

सरकार ने देश के जिन 20 उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए चुना है, उनमें सरकारी क्षेत्र के दस संस्थान शामिल है। इनमें आइआइटी बांबे, आइआइटी दिल्ली, आइआइटी मद्रास, आइआइएससी बैंगलूरू, बीएचयू, आइआइटी खडगपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय, जाधवपुर विश्वविद्यालय शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.