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तापमान बढ़ने के साथ कोरोना के खात्‍मे का अब तक नहीं मिला कोई प्रमाण, गलतफहमी में न रहें

कम और ज्‍यादा तापमान का कोरोना वायरस पर नहीं पड़ रहा कोई फर्क लिहाजा किसी गलतफहमी में न रहे आप

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 11:11 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 07:38 AM (IST)
तापमान बढ़ने के साथ कोरोना के खात्‍मे का अब तक नहीं मिला कोई प्रमाण, गलतफहमी में न रहें

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैलने के साथ ही यह कहा जा रहा था कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ ये वायरस भी या तो खत्‍म हो जाएगा या इसके मामलों में जबरदस्‍त गिरावट आएगी। इससे लोगों के मन में ये बात घर कर गई थी कि भारत में इससे जल्‍द ही छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन इन सभी दावों से अब आईसीएमआर ने पर्दा उठा दिया है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर ने साफ कर दिया है कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ इस वायरस के खत्‍म होने का कोई भी प्रमाण पूरी दुनिया में कहीं भी अब तक सामने नहीं आया है। उन्‍होंने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि यदि ऐसा होता तो निश्चिततौर पर उन्‍हें इसकी जानकारी होती, लेकिन ऐसा नहीं है। उनके इस कथन से ये बात साफ हो गई है कि कोरोना वायरस के खात्‍मे या उसके मामलों में गिरावट को लेकर जो लोग तापमान बढ़ने का इंतजार कर रहे थे वो इस ख्‍याल को अब अपने दिमाग से पूरी तरह से निकाल दें। फिलहाल ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।

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आपको बता दें कि फरवरी से ही इस तरह की बातें सामने आने लगी थीं कि मौसम में गरमाहट बढ़ने के साथ कोरोना वायरस के खात्‍मे की शुरुआत हो जाएगी। इसको लेकर कई तरह के मैसेज और जोक्‍स भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे,लेकिन आईसीएमआर ने इन दावों की अब हवा निकाल दी है। आईसीएमआर की तरफ से कहा गया कि इन बातों के पीछे जो सोच काम कर रही थी उसके मुताबिक गर्मी के मौसम में यदि कोई व्‍यक्ति खांसता है या छींकता है तो उसके मुंह या नाक से निकलने वाले ड्रॉपलैट्स जमीन या किसी सतह पर पड़ते ही जल्‍द सूख जाएंगे। इसकी वजह से ये वायरस कुछ ही सेकंड में खत्‍म हो जाएगा, लेकिन फिलहाल ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला है।

पूरी दुनिया में अलग-अलग जगहों की बात करें तो भले ही अलग-अलग जगहों के तापमान में फर्क है, लेकिन जिस भीषण गर्मी की बात पड़ने से इस वायरस के खत्‍म होने का अंदेशा जताया जा रहा था वो अभी नहीं पड़ी है। तापमान की ही बात करें तो आपको बता दें अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में आज का तापमान 2-20 डिग्री सेल्सियस के बीच है। यूरोप में ये 8-15 डिग्री सेल्सियस के बीच है। इसके अलावा एशिया में ये 20-35 डिग्री सेल्सियस के बीच है। वहीं, ऑस्‍ट्रेलिया में ये 27 डिग्री सेल्सियस है।

अमेरिका में इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित न्‍यूयॉर्क की ही बात करें तो वहां पर 17 अप्रैल की सुबह का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस है। इसके अलावा न्‍यूजर्सी और मैसाचुसेट्स में भी तापमान इतना ही है। इसके अलावा यूरोप के देशों की बात करें तो स्‍पेन जो इस वायरस की सबसे अधिक चपेट में है वहां पर आज सुबह का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस, इटली में 8 डिग्री सेल्सियस, फ्रांस में 14 डिग्री सेल्सियस, जर्मनी में 8 डिग्री सेल्सियस, ब्रिटेन में 10 डिग्री सेल्सियस और बेल्जियम में 9 डिग्री सेल्सियस है। अब यदि रुख एशिया के उन देशों का करें जहां पर इसका प्रकोप सबसे अधिक है तो चीन का आज का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस है। वहीं वुहान जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई थी तापमान 23 डिग्री सेल्सियस है। वहीं भारत के शहरों की यदि बात करें तो दिल्‍ली में आज 10 बजे का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस, मुंबई में 32 डिग्री सेल्सियस, मद्रास 33 डिग्री सेल्सियस, कोलकाता में 33 डिग्री सेल्सियस, कोच्चि में 33 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।

आपको अब जरा उन टॉप-10 देशों के बारे में जानकारी दे देते हैं जहां पर इस वायरस का प्रकोप सबसे अधिक हो रहा है। इससे पहले आपको बता दें कि पूरी दुनिया में इस वायरस के अब तक 2183148 मामले सामने आ चुके हैं। 146841 मरीजों की इस वायरस की चपेट में आने के बाद मौत हो चुकी है और 547679 मरीज ठीक भी हुए हैं। इस वायरस की सबसे अधिक चपेट में अमेरिका है जहां अब तक 678144 मामले सामने आए हैं। यहां पर 34641 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद में दूसरे नंबर पर स्‍पेन है जहां इसके 184948 मामले सामने आए हैं और 19315 मरीजों की मौत हुई है। तीसरे नंबर पर इटली है जहां 168941 मामले सामने आए हैं और 22170 मरीज अपनी जान गंवा बैठे हैं। चौथे नंबर पर फ्रांस में 165027 मामले सामने आए हैं और यहां पर इसकी वजह से 17920 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है।

पांचवें नंबर पर शामिल जर्मनी में इसके अब तक 137698 मामले सामने आए हैं और 4052 मरीजों की मौत हो चुकी है। छठे नंबर पर शामिल ब्रिटेन में अब तक इसके 103093 मामले सामने आए हैं और 13729 मरीजों की मौत हो चुकी है। सातवें नंबर पर चीन है जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, वहां पर इसके 82692 मामले सामने आए हैं और 4632 मरीजों की मौत हो चुकी है। आठवें नंबर पर ईरान में अब तक इसके 77995 मामले सामने आए हैं और 4869 मरीजों की मौत हुई है। नौवें नंबर पर शामिल तुर्की में इस वायरस की चपेट में अब तक 74193 लोग आ चुके हैं और 1643 अपनी जान गंवा चुके हैं। दसवें नंबर पर शामिल बेल्जियम में इसकी वजह से 30683 लोग प्रभावित हुए हैं और 1947 मरीजों की मौत अब तक हो चुकी है। आपको बता दें कि ये सभी आंकड़े वर्ल्‍डओमीटर के अनुसार 17 अप्रैल 2020 की सुबह 10 बजे तक के हैं।

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