छत्तीसगढ़ सरकार के पदोन्नति में आरक्षण के फैसले पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति को 32 फीसद और अनुसूचित जाति वर्ग को 13 फीसद आरक्षण दिया गया था।
बिलासपुर, राज्य ब्यूरो। हाई कोर्ट की खंड पीठ ने राज्य शासन के पदोन्नति में आरक्षण के फैसले पर रोक लगा दी है। सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई। सरकारी अधिवक्ताओं ने शासन के पक्ष में रखे गए जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने अगली सुनवाई 20 जनवरी को तय की है।
राज्य शासन ने गलती सुधारने का आश्वासन दिया था
बता दें कि दो दिसंबर को हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। तब राज्य शासन ने नियम बनाने में विभागीय अधिकारियों द्वारा चूक की बात को स्वीकार किया था। साथ ही कोर्ट के समक्ष एक सप्ताह के भीतर गलती सुधारने का आश्वासन दिया था।
कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और शासन के आदेश पर लगा दी रोक
सोमवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की पीठ में हुई । राज्य शासन की तरफ से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी उपस्थित हुए और अपना लिखित जवाब पेश किया। इससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और शासन के आदेश पर रोक लगा दी है।
अनुसूचित जनजाति को 32 फीसद और अनुसूचित जाति को 13 फीसद आरक्षण
मालूम हो कि राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर पदोन्नति में आरक्षण लागू कर दिया था। इसके अनुसार अनुसूचित जनजाति को 32 फीसद और अनुसूचित जाति वर्ग को 13 फीसद आरक्षण दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ विष्णु प्रसन्न तिवारी और गोपाल सोनी ने याचिका दायर करते हुए इस नोटिफिकेशन को गलत बताते हुए इसे रद किए जाने की मांग की है।