पुलिस भर्ती में गर्भवती महिला की नियुक्ति के पक्ष में खड़ा हुआ हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने बोर्ड को निर्देश दिया कि ग्रेड-2 कांस्टेबल या ग्रेड-2 जेल वार्डन के पद के लिए याचिकाकर्ता का चयन किया जाए।
मदुरई, प्रेट्र। अगर किसी गर्भवती महिला को ग्रेड-2 कांस्टेबल के चयन के लिए आयोजित दौड़ परीक्षा में 30 सेकेंड का अतिरिक्त समय लगता है तो इसे नगण्य मानते हुए उसे चुना जाना चाहिए। यह बात मद्रास हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कही है। अदालत न कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दौड़ की परीक्षा में भाग लेना साहस की निशानी है, क्योंकि उसके स्थान पर कोई और होता तो उसे गर्भपात का डर रहता।
अदालत ने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर चयन के दिए निर्देश
याचिका में कहा गया था कि शारीरिक दक्षता परीक्षा जिस दिन आयोजित की गई थी उस दिन वह आठ सप्ताह की गर्भवती थी। यही वजह रही कि वह निर्धारित समय में दौड़ पूरी नहीं कर पाई। ऐसे में उसे चुना जाना चाहिए।
जस्टिस एस विमला ने आर देविका की याचिका मंजूर करते हुए कहा कि मानकों के मुताबिक याचिकाकर्ता को 100 मीटर दौड़ की प्रतियोगिता 17.50 सेकेंड में पूरी करनी थी, लेकिन उसने 0.30 सेकेंड का अतिरिक्त समय लिया। इसके चलते उसे शारीरिक दक्षता परीक्षा में असफल घोषित कर दिया गया। यह आपत्तिजनक था।
न्यायाधीश ने कहा, 'इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता गर्भवती थी, इसलिए यूनीफाइड सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड को निर्देश दिया जाता है कि ग्रेड-2 कांस्टेबल या ग्रेड-2 जेल वार्डन के पद के लिए याचिकाकर्ता का चयन किया जाए।'