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तालिबान के कब्जे के बाद भारत भेजी गई थी हेरोइन की खेप, रैकेट पर्दाफाश होने के बाद ईडी सक्रिय

अफगानिस्तान से लगभग 21 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी के रैकेट के पर्दाफाश के बाद देश की तमाम एजेंसियां इसके तह तक पहुंचने में जुट गई हैं। डीआरआइ के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग के तहत ड्रग तस्करों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 09:23 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 09:23 PM (IST)
तालिबान के कब्जे के बाद भारत भेजी गई थी हेरोइन की खेप, रैकेट पर्दाफाश होने के बाद ईडी सक्रिय
डीआरआइ ने 3,000 किलो हेरोइन मुंद्रा पोर्ट से की थी जब्त। (फाइल फोटो)

नीलू रंजन, नई दिल्ली। अफगानिस्तान से लगभग 21 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी के रैकेट के पर्दाफाश के बाद देश की तमाम एजेंसियां इसके तह तक पहुंचने में जुट गई हैं। राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीआरआइ) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग के तहत ड्रग तस्करों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है। डीआरआइ के अनुसार करीब 3,000 किलोग्राम हेरोइन की यह खेप 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से ईरान भेजी गई थी। ड्रग्स तस्करी में तालिबान की संलिप्तता की जांच के लिए ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार दो अफगानियों से डीआरआइ के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।

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डीआरआइ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से 3,000 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती के पहले भी बड़ी मात्रा में इस मादक पदार्थ की तस्करी के संकेत मिलते रहे हैं। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के पते पर पंजीकृत जिस आशी ट्रे¨डग कंपनी के नाम से टेलकम पाउडर की आड़ में हेरोइन की यह बड़ी खेप भेजी गई थी, उसके नाम पर जून में भी 25 हजार किलोग्राम टेलकम पाउडर का आयात किया गया था। माना जा रहा है कि जून में आया टेलकम पाउडर भी हेरोइन ही था, जिसकी कीमत 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक है।

सूत्रों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान से हेरोइन की तस्करी सिर्फ चंद लोगों का काम नहीं हो सकता है। इसे लाने और खपाने में बड़े रैकेट का हाथ होना सुनिश्चित है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस रैकेट की सभी कडि़यों को बेनकाब करना जांच का मुख्य उद्देश्य है।

ईडी को जांच में शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हजारों करोड़ रुपये की काली कमाई के बंटवारे और उसकी मदद से बनाई गई संपत्तियों का पता लगा कर उन्हें जब्त करने के लिए मनी लां¨ड्रग जांच जरूरी है। इस राशि का एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान में तालिबान तक पहुंचना भी तय है। ईडी का काम भारत से अफगानिस्तान तक फैली ड्रग्स तस्करी की काली कमाई को पहुंचाने के तंत्र का पता लगाकर उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करना है। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान तक काली कमाई का हिस्सा पहुंचाने के लिए आशी ट्रे¨डग की तरह अन्य छद्म कंपनियों या हवाला का इस्तेमाल किया जाता होगा।

डीआरआइ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार अफगानियों और अन्य आरोपितों से पूछताछ में अहम जानकारियां मिली हैं। हालांकि, उन्होंने जांच जारी होने के कारण इस बारे में विस्तार से बताने से इन्कार कर दिया। आने वाले दिनों में इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।


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