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मुंबई आतंकी हमले के बाद उजड़ गया हेमंत करकरे का आशियाना

मुंबई पर दस साल पहले आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए तत्कालीन आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे का पूरा परिवार ही उजड़ गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 11:50 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 11:50 PM (IST)
मुंबई आतंकी हमले के बाद उजड़ गया हेमंत करकरे का आशियाना
मुंबई आतंकी हमले के बाद उजड़ गया हेमंत करकरे का आशियाना

राजीव सोनी, भोपाल। मुंबई पर दस साल पहले आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए तत्कालीन आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे का पूरा परिवार ही उजड़ गया। करकरे की पत्नी दो साल पहले ब्रेन हेमरेज में चल बसी, दोनों बेटियां विदेश में हैं और बेटा अब तक सदमे से नहीं उबर पा रहा। करकरे का बेटा आकाश अब अपने मामा के घर में रहता है। घर के कोने-कोने में बसी परिवार की यादें उसे बेचैन करती थीं, इसलिए उसने भी घर छोड़ दिया।

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मुंबई पर हुए 26/11 के हमले में मारे गए 166 लोगों के अलावा आतंकियों की गोलियों से हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे और एनकाउंटर विशेषज्ञ विजय सालस्कर सहित 17 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे। हेमंत करकरे की इकलौती छोटी बहन नेहा हर्षे आज भी सदमे से नहीं उबर पाई। वह कहती हैं 'मेरा तो पूरा मायका ही उजड़ गया।' इन दस वर्षो में करकरे का पूरा परिवार ही बिखर गया।

भोपाल में रहती है बहन : मप्र में भोपाल में निवासरत करकरे की छोटी बहन नेहा और उनके बहनोई जयंत हर्षे आज भी वह मंजर नहीं भुला पा रहे। 26/11 की बरसी आते ही नेहा गुमसुम हो जाती हैं। मीडिया में घटना की चर्चा होने लगती है, जिससे उनके पुराने जख्म फिर ताजा हो जाते हैं। तीन-चार दिन तक वह सामान्य नहीं हो पाती।

आज भी वह घटना के बारे में किसी से कोई बात नहीं करना चाहती। भावनात्मक रूप से नेहा अपने बड़े भाई हेमंत से बहुत ज्यादा जुड़ी थीं। शादी कन्यादान भी हेमंत ने ही किया था। माता-पिता की कमी भी हेमंत ने कभी महसूस नहीं होने दी।

मां के आर्गन कर दिए दान : करकरे के बहनोई जयंत हर्षे बताते हैं कि घटना के समय हेमंत के तीनों बच्चे छोटे थे, उनकी मनोदशा पर गहरा असर पड़ा। करीब दो साल पहले नाश्ता करते समय उनकी पत्नी कविता करकरे को ब्रेन हेमरेज हुआ और वह भी चल बसी। इस घटना के बाद पूरा परिवार ही टूट गया। वह बताते हैं ऐसी नाजुक घड़ी में तीनों बच्चों ने बड़ी हिम्मत दिखाई। उन्होंने अपनी मां के सभी आर्गन, यहां तक 'स्किन' भी दान करने का फैसला कर लिया। उनका तर्क था कि इस तरह दूसरे लोगों में 'मां जिंदा रहेगी।'

ठुकरा दिए मदद के प्रस्ताव : जयंत बताते हंै कि घटना के बाद भारत सरकार ने पेट्रोल पंप देने का प्रस्ताव दिया। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मदद का संदेश भिजवाया। बाबा रामदेव भी सांत्वना व सहायता देने घर पहुंचे, लेकिन हेमंत के बच्चों ने सभी की मदद को ठुकरा कर हाथ जोड़ लिए।


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