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COVID-19: कोरोना के संकटपूर्ण समय में मददगार 'मेंटल टूलकिट', पढ़े एक्सपर्ट की राय

COVID-19 कुछ ऐसी सामान्य बातें हैं जो न सिर्फ अभी संकट के समय में संबल बनेंगी बल्कि आपको फलने-फूलने में भी मदद करेंगी... तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ टिप्स...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 12:07 PM (IST)
COVID-19: कोरोना के संकटपूर्ण समय में मददगार 'मेंटल टूलकिट', पढ़े एक्सपर्ट की राय
COVID-19: कोरोना के संकटपूर्ण समय में मददगार 'मेंटल टूलकिट', पढ़े एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली। COVID-19: कोरोना सिर्फ शारीरिक बीमारी नहीं है। इसके फैलाव ने दुनिया भर में लोगों को अपने घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया है। इससे लोग तरह-तरह की चिंताओं में घिर रहे हैं। डेली मेल के अनुसार लॉकडाउन का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। ऐसे में ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक और लेखक डॉ. मैक्स कुछ ऐसे उपाय (मेंटल टूलकिट) बता रहे हैं, जिससे लॉकडाउन के कठिन समय में राहत और सकारात्मकता का भाव महसूस कर सकते हैं। उनके मुताबिक, कुछ ऐसी सामान्य बातें हैं, जो न सिर्फ अभी संकट के समय में संबल बनेंगी बल्कि आपको फलने-फूलने में भी मदद करेंगी... तो आइए जानते हैं, ऐसे ही कुछ टिप्स...

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दूसरों की जीवनियां पढ़ें : भीषण चुनौतियों और संकटों का सामना कर विजेता बने लोगों की जीवनियां पढ़ें। क्योंकि आपकी अपनी कठिनाइयों और संघर्ष से पार पाने में उससे बढ़िया सीख और कहीं नहीं मिल सकती है।

रूटीन : यह बहुत ही अहम है। हम आदतों वाले प्राणी हैं और अपने जीवन में एक व्यवस्था बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए दिन को खंडों में बांटें या एक टाइम टेबल ही बना लें। डेली मेल के अनुसार आपका घर कितना भी छोटा क्यों न हो लेकिन उसमें काम, व्यायाम तथा आराम समेत अन्य गतिविधियों के लिए जगह तय करें। खाने-सोने का समय तय करें इन दिनों कई लोग घर से काम कर रहे हैं और इनमें से कई लोगों ने एक शेड्यूल भी बना लिया है। फिर भी सुबह बिस्तर छोड़ने में सुस्ती दिखाते हैं। सुबह में लैपटॉप और मोबाइल फोन पर ही काम करना शुरू कर देते हैं- लेकिन ऐसा न करें।

खुद ही एक लक्ष्य तय करें : आप हमेशा ही कोई उपन्यास पढ़ने या कोई अन्य काम करने के बारे में सोचते रहे होंगे। अभी उसे करने का मौका आया है। यदि आप यह काम कर लेते हैं तो आप खुद को अतुलनीय रूप से पुरस्कृत महसूस करेंगे। जो लोग कामकाजी नहीं हैं, वे सोफे पर पड़े रहते हैं। टीवी देखने में मशगुल होकर स्नैक्स के मजे लेते रहते हैं- इनसे परहेज करें। इन दिनचर्या में यदि अल्कोहल का योगदान है तो और भी बुरा है, जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है।

लॉकडाउन की प्राथमिकता स्वास्थ्य की रक्षा ही है। यह ठीक है कि आप रिलैक्स होने के लिए टीवी देखें लेकिन उसके लिए आपको फिट रहना चाहिए और एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। इसका महत्व आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए है। खासकर, तब और भी, जब कि आप घर से बाहर नहीं निकल सकते। इसके लिए कम से कम 30 मिनट आप ऑनलाइन एयरोबिक्स या योगा क्लास करें, सीढ़ियों को झाड़ने का भी काम कर सकते हैं। यह आपकी भूख और नींद में मदद करेगा और आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ाएगा।

कोई कौशल सीखें : ऑनलाइन कई कोर्सेज उपलब्ध हैं। अपने दिमाग को बौद्धिकता या आनंद के लिए सक्रिय करें। इससे आपको कोरोना संकट के एहसास से निपटने में मदद मिलेगी। इससे यह फायदा भी होगा कि जब लॉकडाउन खत्म होगा तो आप कुछ सकारात्मक बातें हासिल कर चुके होंगे। उदाहरण के तौर पर आप कोई दूसरी भाषा धाराप्रवाह बोलना सीख सकते हैं या जादूगर भी बन सकते हैं।

बेचैनी भरे वक्त की योजना बनाएं : दिन में कभी ऐसा भी समय आएगा जब आप थोड़े उदास, बेचैन, अकेलापन या क्रोधित महसूस करेंगे। यह आम बात है। लेकिन कुछ ऐसा करें, जिससे कि इन अवस्थाओं में आप बेहतर महसूस करें। दोस्त को फोन करें, अपनी चिंताओं की डायरी लिखें, म्यूजिक सुनें। इन पूरी कवायदों का मूल तत्व यह है कि आप कभी भी अकेलापन महसूस नहीं करें। इन्हीं भावनाओं से हम लॉकडाउन के कठिन समय से निकलेंगे और पहले से भी मजबूत होंगे।


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