कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइंस, बाजारों में भीड़ को लेकर जानिए क्या है केंद्र की SOP ?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइंस।बाजारों के लिए एसओपी -मास्क नहीं पहनने या शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने पर लगाया जा सकेगा जुर्माना-किराने के सामान की आनलाइन बुकिंग व घर पर डिलेवरी को बढ़ावा देने की सिफारिश।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बाजारों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। बाजारों में कोविड महामारी के अनुसार उचित आचरण का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने मास्क नहीं पहनने या शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने पर जुर्माना, बाजारों को एक दिन छोड़कर खोलने और कोरोना के केस बढ़ने पर उन्हें बंद करने की सिफारिशें की हैं। इसके अलावा किराने के सामान की आनलाइन बुकिंग और घर पर डिलेवरी को बढ़ावा देने और कम भीड़ वाले घंटों में छूट देने पर विचार करने की बात कही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में स्थित बाजार बंद रहेंगे। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले दुकान मालिकों और कर्मचारियों को बाजार में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। बाजार संघ विभिन्न उपायों के जरिये बाजारों में कोविड महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए उचित आचरण सुनिश्चित कर सकते हैं। ऐसे आचरण को कार्यान्वित व उनकी निगरानी करने के लिए प्रत्येक बाजार में उपसमिति का गठन किया जा सकता है।
एसओपी में बाजारों के प्रवेश एवं पार्किग स्थलों पर सरकारी कीमतों पर मास्क वितरण मशीनें लगाने और जनसुविधा वाले क्षेत्रों में हाथ धोने की व्यवस्था करने की सिफारिश भी की गई है। हाथ धोने के स्थानों पर पैर से चलाए जा सकने वाले नल लगाने और बिना छुए साबुन देने वाली मशीनें लगाने की सिफारिश की गई है। बाजार के प्रवेश स्थलों पर लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग का प्रावधान करने के साथ-साथ थर्मल गनों, सैनिटाइजर, जनसुविधा स्थलों की साफ-सफाई के लिए कीटाणुनाशक खरीदने और उचित आचरण के बारे में प्रमुख स्थानों पर साइनेज लगाने की बात भी कही गई है।
एसओपी के मुताबिक, 'जहां स्वनियमन विफल हो जाए या उसका असर कम हो तो जहां जरूरी हो वहां बाध्यकारी कार्रवाई की योजना बनाई जाए। इसमें मास्क या फेस कवर नहीं पहनने अथवा शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाना शामिल है।' इसमें भीड़ नियंत्रित करने के लिए बाजार संघों के सहयोग से सुरक्षा एजेंसियों के लिए रणनीतियों की सिफारिश भी की गई है। मसलन, भीड़ प्रबंधन के लिए सिविल डिफेंस वालंटियर्स, होम गार्ड्स और वालंटियर्स को लगाना; वाहनों की संख्या सीमित कर पार्किग स्थलों का प्रबंधन; दुकानों को अलग-अलग समय पर खोलना व अधिक समय के लिए खोलने की अनुमति देना।