वैक्सीन परीक्षण में भाग लेने वालों को प्रमाणपत्र देगा स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जिन लोगों ने कोरोना रोधी वैक्सीन के परीक्षणों में हिस्सा लिया था और जिन्हें प्लेसबो (प्रायोगिक दवा) नहीं बल्कि टीके दिए गए थे उन्हें कोविन के तहत कवर कर प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जिन लोगों ने कोरोना रोधी वैक्सीन के परीक्षणों में हिस्सा लिया था और जिन्हें प्लेसबो (प्रायोगिक दवा) नहीं, बल्कि टीके दिए गए थे, उन्हें कोविन के तहत कवर कर प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
कोविन के तहत कवर किया जाएगा
प्लेसबो एक ऐसा पदार्थ या उपचार है जिसका कोई चिकित्सीय महत्व नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा कि टीका परीक्षणों में भाग लेने वाले लोगों को पेपर सर्टिफिकेट दिए गए थे, लेकिन बाद में सवाल उठा कि क्या उन्हें कोविन के तहत भी कवर किया जाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए एक आदेश जारी किया गया है।
उन्होंने कहा, 'हमने आइसीएमआर से हमें उन लोगों की सूची देने के लिए कहा है जिन्होंने क्लीनिकल परीक्षणों में भाग लिया और उस सूची के आधार पर, कोविन पर उनके लिए प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। क्लीनिकल परीक्षणों में, कुछ लोगों को प्लेसबो दिया जाता है जबकि कुछ को टीका दिया जाता है इसलिए प्रमाण पत्र केवल उन्हीं लोगों के बनेंगे, जिन्हें टीके लगाए गए थे।
50 करोड़ वैक्सीन डोज पर केंद्र सरकार ने दिया जवाब
वहीं केंद्र सरकार ने मंगलवार को मीडिया में आईं उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया है कि भारत जुलाई के अंत तक 50 करोड़ कोविड रोधी टीके लगाने के लक्ष्य से चूक जाएगा। सरकार ने कहा कि ये खबरें गलत हैं और इनमें तथ्यों को स्पष्ट रूप से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जुलाई अंत तक 50 करोड़ टीके लगाने के लक्ष्य से चूकने का आरोप लगाने वाली मीडिया में हाल में आईं खबरों के संदर्भ में बयान जारी किया है। इन खबरों में दावा किया गया है कि सरकार ने मई 2021 में कहा था कि जुलाई के अंत तक 50 करोड़ डोज लगा दी जाएंगी।