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कोरोना की तीसरी लहर में भी दूसरी जैसे हो सकते हैं हालात, केंद्र ने कहा- राज्य रहें तैयार

भूषण ने राज्यों से बड़ी संख्या में मरीजों की भर्ती की आशंका को देखते हुए निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज से जोड़ने को कहा है। उन्हें यह भी देखने को कहा गया कि निजी अस्पताल कोरोना इलाज के नाम पर मरीजों से ज्यादा शुल्क भी नहीं वसूलें।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 03:43 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर में भी दूसरी जैसे हो सकते हैं हालात, केंद्र ने कहा- राज्य रहें तैयार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा है पत्र (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की तीसरी लहर अब जबकि उभार पर है और प्रतिदिन बड़ी संख्या में नए मामले मिल रहे हैं केंद्र सरकार ने राज्यों को सतर्क किया है। केंद्र ने कहा है कि तीसरी लहर में भी दूसरी लहर जैसे हालात पैदा हो सकते हैं, इसलिए कोरोना के इलाज में निजी अस्पतालों के साथ ही एमबीबीएस के छात्रों और पूर्व स्वास्थ्यकर्मियों को जोड़ने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के एक दिन बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 20-23 प्रतिशत संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता था। ओमिक्रोन के मामले में यह आंकड़ा 5-10 प्रतिशत है। परंतु, दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन के तीन से पांच गुना अधिक तेजी से फैलने के कारण संक्रमितों की संख्या अचानक बहुत ज्यादा हो सकती है और तब उसके अनुपात में अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है। राज्यों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।

भूषण ने राज्यों से बड़ी संख्या में मरीजों की भर्ती की आशंका को देखते हुए निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज से जोड़ने को कहा है। उन्हें यह भी देखने को कहा गया कि निजी अस्पताल कोरोना इलाज के नाम पर मरीजों से ज्यादा शुल्क भी नहीं वसूलें।

एमबीबीएस छात्रों को कोरोना ड्यूटी के लिए तैयार करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय रविवार को गाइडलाइंस भेज चुका है। अब स्वास्थ्य सचिव ने एमबीबीएस छात्रों और सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों को टेलीमेडिसीन जैसी सेवाओं के लिए इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही गंभीर रूप से संक्रमितों के इलाज में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित डाक्टरों की जरूरत को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को बिना लक्षण या सामान्य लक्षण वाले मरीजों की देखभाल करने के लिए कोरोना केयर सेंटर में तैनाती होने वाले सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने को कहा है। होम आइसोलेशन के नियमों को कड़ाई से लागू करने पर जोर दिया है। बड़े अस्थाई कोरोना अस्पतालों की स्थापना की तारीफ करते हुए अन्य राज्यों को भी ऐसा करने का सुझाव दिया है।

पीएम तीन बार कर चुके हैं तैयारियों की समीक्षा

दरअसल, सरकार दूसरी लहर से सबक लेते हुए तीसरी लहर के दौरान सरकार जरा भी कमी नहीं रहने देना चाहती है। ओमिक्रोन के आने के बाद प्रधानमंत्री तीन बार तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं और जल्द ही मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं।

देश में 18 लाख आइसोलेशन बेड

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आज की तारीख में देश में 18 लाख आइसोलेशन बेड, पांच लाख आक्सीजन वाले बेड और एक लाख 40 हजार आइसीयू बेड हैं। इसके साथ ही 90 हजार आइसीयू और नान आइसीयू बेड विशेष रूप से बच्चों के लिए तैयार किए गए हैं।

अस्पतालों में तीन हजार से ज्यादा आक्सीजन प्लांट लगाए गए

देश के अस्पतालों में तीन हजार से ज्यादा पीएसए आक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं और चार लाख आक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है। ध्यान देने की बात है कि दूसरी लहर के दौरान कोरोना में अस्पताल में बेड के साथ ही आक्सीजन और जरूरी दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ा था। इस बार जरूरी दवाइयों का स्टाक भी जिला स्तर पर तैयार रखा गया है।

अब 24 घंटे टीका लगाने का निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखे पत्र में रात आठ बजे टीकाकरण केंद्रों को बंद किए जाने पर हैरानी जताते हुए उन्हें 24 घंटे खोलने को कहा है। उसके अनुसार टीकाकरण के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। लोग अपनी सुविधा से कभी भी टीका लगवा सकते हैं। बता दें कि रविवार की बैठक में प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को 15 से 18 साल के अधिक उम्र के किशोरों के साथ-साथ हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारी से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए सतर्कता डोज को मिशन मोड पर पूरा करने का निर्देश दिया था।


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