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स्वास्थ्य विशेषज्ञ बोले- ओमिक्रोन का सामना करने के लिए भारत तैयार, ओरल ड्रग्स को मिले मंजूरी

भारत कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का लहर सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। लोगों को हमेशा डबल फेस मास्क पहनना चाहिए। यह किसी भी वैरिएंट के खिलाफ बचाव सबसे अच्छा तरीका है। साथ ही टीका भी लेना चाहिए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 05:48 PM (IST)
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बोले- ओमिक्रोन का सामना करने के लिए भारत तैयार, ओरल ड्रग्स को मिले मंजूरी
ओमिक्रोन, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक।

हैदराबाद, आइएएनएस। भारत कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का लहर सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। लोगों को हमेशा डबल फेस मास्क पहनना चाहिए। यह किसी भी वैरिएंट के खिलाफ बचाव सबसे अच्छा तरीका है। साथ ही टीका भी लेना चाहिए हैं। नियामक अधिकारियों को कोरोना के इलाज के लिए दो ओरल ड्रग्स के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देनी चाहिए। यह बात स्वास्थ्य प्रणाली विशेषज्ञ डा कृष्णा रेड्डी नल्लामल्ला ने कही है। उन्होंने कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि ओमिक्रोन, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है, लेकिन कितना ज्यादा है यह नहीं पता। दक्षिण अफ्रीका के प्रीप्रिंट रिसर्च पबलिकेशन के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि यह नेचुरल इंफेक्शन के बाद पैदा हुई इम्युनिटी को चकमा देता है।

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डा. रेड़्डी ने कहा कि हर किसी के मन में सवाल है कि क्या ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण अधिक गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु हो सकती है? प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि मामले आमतौर पर हल्के होते हैं। हालांकि, यह गलत भी हो सकता है क्योंकि आमतौर पर कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बाद दूसरे से तीसरे सप्ताह के दौरान आदमी की स्थिति खराब होती है। इस दौरान तेजी से बढ़ते वायरस के जवाब में प्रतिरक्षा प्रणाली अति सक्रिय हो जाती है, जिससे शरीर को काफी नुकसान होता है। यह भी हो सकता है मजबूत इम्युनिटी वाली युवा अफ्रीकी आबादी गंभीर बीमार न हो। हमें बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित आबादी को लेकर सतर्क रहना होगा। 

साउथ एशिया में एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल के रिजनल डायरेक्टर डा. रेड्डी ने आगे कहा कि अभी यह नहीं पता चल सका है कि ओमिक्रोन के खिलाफ टीके कारगर हैं या नहीं? इसका पता लगाया जाना बाकी है क्योंकि अफ्रीका में अभी भी टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों की दर कम है। माडर्ना के सीईओ (जो एमआरएनए-आधारित टीके बनाता है) ने एक बयान में कहा था कि ओमिक्रोन से निपटने के लिए नया टीका विकसित करने की आवश्यकता हो सकती है। यह इस बात का संकेत है कि यह टीकों से पैदा हुई इम्युनिटी से बच सकता है। हालांकि, हमें आंकड़ों का इंतजार करना होगा।

भारत ओमिक्रोन से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार

डा. रेड्डी का मानना है कि भारत ओमिक्रोन से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। उन्होंने कहा कि देश ने इसे लेकर संतुलित फैसले लिए हैं। अपनी सीमाओं को बंद न करके विदेश से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और क्वारंटाइन जैसे उपाय करके सही काम किया। सरकार ने अपने टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है। नए लहर की डर से कोताही बरत रहे लोग भी टीकाकरण करवाएंगे। घरेलू यात्रियों के लिए फेस मास्क और टीकाकरण प्रमाणपत्र जैसे आदेश फिर से लागू किए गए हैं। पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन और वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता से देशभर के अस्पताल अब बेहतर तरीके से तैयार हैं। लोगों ने कोरोना संबंधी उपायों का पालन करना सीख लिया है।

मर्क और फाइजर की ओरल ड्रग्स के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिले

डा. रेड्डी ने आगे कहा कि दवा नियामक निकायों को मर्क और फाइजर की ओरल ड्रग्स के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने का फैसला जल्द करना चाहिए, जो कोविड वायरस के खिलाऱ प्रभावी हैं। कई भारतीय फार्मा कंपनियों को मर्क के मोलनुपिरवीर को बनाने और वितरण के लिए लाइसेंस दिया गया है। कई कंपनियां फाइजर से उसकी दवा के लाइसेंस के लिए बातचीत कर रही हैं।


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