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Assembly Election 2019: छाेटी सीरीज बड़ी परीक्षा, मोदी-अमित की जोड़ी, गढ़ बचाने की चुनौती

Haryana and Maharashtra assembly elections विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के जोड़ी के लिए यह चुनाव काफी अहम है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 10:03 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 12:07 PM (IST)
Assembly Election 2019: छाेटी सीरीज बड़ी परीक्षा, मोदी-अमित की जोड़ी, गढ़ बचाने की चुनौती
Assembly Election 2019: छाेटी सीरीज बड़ी परीक्षा, मोदी-अमित की जोड़ी, गढ़ बचाने की चुनौती

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल । आम चुनाव के बाद दो राज्‍यों (हरियाणा और महाराष्‍ट्र) में होने वाले विधानसभा चुनावों Maharashtra and Haryana Assembly Election 2019 में कई दिग्‍गजों की प्रतिष्‍ठा दांव पर लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के जोड़ी के लिए यह चुनाव काफी अहम है। वहीं हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का राजनीतिक क‍रियर भी इस चुनाव से जुड़ा है। यही कारण है कि यह सीरीज भले ही छोटी हो लेकिन इसके नतीजों पर सबकी नजर टिकी है। एक बार फ‍िर इस चुनाव में मोदी और अमित शाह की जोड़ी की अग्निपरीक्षा है। अगर यह चुनावी सीरीज भाजपा के पक्ष में जाती तो विपक्ष के पास केंद्र पर हमला करने का अनायास हथियार मिल जाएगा। आइए जानते हैं कि आखिर भाजपा के लिए क्‍यों अहम है यह सीरीज। किस फ‍िराक में है बिखरा हुआ विपक्ष।

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हरियाणा में नाक की लड़ाई, जोड़ी की अग्निपरीक्षा

हरियाणा विधानसभा चुनाव की लड़ाई मोदी और अमित शाह की जोड़ी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। यह चुनाव भाजपा की नाक का विषय है। यहां भाजपा की लड़ाई सीरीज बचाने की है। मौजूदा समय में हरियाणा में भाजपा की पूर्णबहुमत की सरकार थी। ऐसे में भाजपा के पास इस राज्‍य में सीरीज बचाने की चुनौती होगी। यहां भाजपा का पूरा संघर्ष सत्‍ता की वापसी का है। वहीं विपक्ष की नजर इस सीरीज को झटकने की होगी। विपक्ष के पास इस सीरीज में खोने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर भाजपा यहां सीरीज हारती है तो विपक्ष को केंद्र में हमला करने का एक अनायास मौका मिलेगा।

दांव पर मनोहर लाल खट्टर का राजनीतिक करियर

इस चुनाव में भाजपा के दिग्‍गज नेता मनोहर लाल खट्टर का राजनीतिक भविष्‍य भी दांव पर है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्‍व ने मनोहर लाल खट्टर पर भरोसा जताते हुए उनको मुख्‍यमंत्री पद की कूर्सी सौंपी। उन्‍होंने पांच वर्ष कार्य किया। दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी राजनीतिक भविष्‍य दांव पर लगा है। खट्टर के नेतृत्‍व में भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में 75 सीट पर जीत का लक्ष्‍य रखा है। खट्टर को अपने ही स्‍कोर का छूना एक बड़ी चुनौती होगी। फ‍िलहाल हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 48 विधायक हैं। इनेलो से टूटकर बनी दुष्‍यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी भी लोकसभा में हार के बाद अपनी संभावनाओं में सुधार की उम्‍मीर कर रही है।

कांग्रेस ने फेरबदल कर दिया संकेत, मनोहर के सामने बड़ा लक्ष्‍य

हरियाणा में कांग्रेस ने अपना प्रदेश अध्‍यक्ष बदल दिया है। कांग्रेस ने यह बदलाव हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर किया है। कांग्रेस के इस कदम को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। अब तो वक्‍त बताएगा कि यह बदलाव कांग्रेस की नैया को कितना पार लगाएगा।

महाराष्‍ट्र में गठबंधन की अग्निपरीक्षा

महाराष्‍ट्र में शिवसेना और भजपा की गठबंधन सरकार है। इस राज्‍य में गठबंधन की प्रतिष्‍ठा दांव पर लगी है। विधानसभा चुनाव में महाराष्‍ट्र में भाजापा 164 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा की सहयोगी शिवसेना 126 सीटों के साथ इस चुनावी समर में है। भाजपा ने अपने सिंबल पर छोटे सहयोगी दलों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। इन सहयोगी दलों में राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस है। उधर, कांग्रेस और एनसीपी भी इस चुनाव में प्रमुख प्‍लेयर हैं। कांग्रेस 147 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एनसीपी 121 विधानसभा सीटों पर उम्‍मीदवार उतारे हैं। महाराष्‍ट्र में वाम दल भी चुनावी मैदान में हैं। सीपीआइ ने 16 और सीपीएम ने आठ प्रत्‍याशी मैदान में उतारे हैं।

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