प्रतिभूति घोटाला मामले में हर्षद मेहता के भाई समेत पांच दोषी करार
भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी पाए जाने पर उन्हें छह महीने से चार साल तक की जेल की सजा सुनाई गई।
मुंबई, प्रेट्र । 24 साल के बाद प्रतिभूति घोटाले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से करीब 700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में हर्षद मेहता के भाई सुधीर मेहता समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया है। इस मामले में हर्षद मेहता भी आरोपी था लेकिन 2002 में उसकी मौत के बाद उसके खिलाफ मामला बंद कर दिया गया। 1992 में हुए प्रतिभूति घोटाले ने बीएसई और अन्य शेयर बाजारों में तूफान मचा दिया था।
न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर जोशी ने इस मामले में 25 नवंबर को फैसला सुनाया। कोर्ट ने सुधीर मेहता के अलावा हर्षद मेहता रिश्तेदार दीपक मेहता, एनएचबी के पूर्व अधिकारी सी. रविकुमार और सुरेश बाबू, पूर्व स्टेट बैंक अधिकारी आर. सीतारमन और शेयर दलाल अतुल पारीख को दोषी ठहराया। भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी पाए जाने पर उन्हें छह महीने से चार साल तक की जेल की सजा सुनाई गई।
साथ ही सामूहिक तौर पर 11.95 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने इसके अलावा उन्हें भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत भी दोषी पाया। कोर्ट ने सजा और जुर्माने पर अमल आठ सप्ताह के लिए रोक दी है ताकि दोषी सुप्रीम कोर्ट जा सकें। कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए हर्षद मेहता के रिश्तेदार हितेन मेहता, शेयर दलाल पंकज शाह और वीरेंद्र दमानी को बरी कर दिया।
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