प्रदूषण से निपटने को लेकर सामने आई राज्यों की बेरुखी
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन की बैठक में नहीं पहुंचे राज्यों के मंत्री, अफसरों के साथ की चर्चा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सहित एनसीआर के दूसरे राज्य कितने संजीदा है, इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है कि राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बुलाई गई बैठक में किसी भी राज्य के मंत्री नहीं पहुंचे। आखिर में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन को राज्यों से आए अधिकारियों के साथ ही बैठक करनी पड़ी। खासबात यह है कि बैठक में दिल्ली के अलावा जिन राज्यों के मंत्रियों को बुलाया गया था, उनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान है।
पर्यावरण भवन में बुलाई गई बैठक में केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन से जब मंत्रियों की इस गैर-मौजूदगी को लेकर सवाल किए गए, तो उन्होंने इसे मंत्रियों की व्यस्तताओं का हवाला देकर टाल दिया। उनके लिए यह सवाल इसलिए असहज था क्योंकि एनसीआर के संबंधित तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा की ही सरकार है। हर्षवर्द्धन ने इसे टालते हुए कहा कि वह जल्द ही मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों को संतोषजनक बताया। निश्चित ही इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के पीछे किसी एक वजह को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। ऐसे में यह एक कठिन टॉस्क है, लेकिन इससे निपट पाना असंभव भी नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में वायु प्रदूषण के संभावित खतरों को लेकर जिस तरीके की सतर्कता दिखाई जा रही है, निश्चित ही इस साल वायु प्रदूषण की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर होगी।
अकेले दिल्ली में प्रदूषण की जांच के लिए उतारी गई 40 टीमें
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आने वाले महीनों में वायु प्रदूषण के संभावित खतरों को देखते हुए अकेले दिल्ली में ही 40 टीमें गठित की गई है। जो वायु प्रदूषण के घटते-बढते स्तरों पर काफी करीब से नजर रख रही है। इसके साथ ही उन क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाती है। उन्होंने कहा कि यह सतर्कता अगले कई महीनों तक चलेगा। उन्होंने कहा कि मॉनीटरिंग की इस रिपोर्ट को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के साथ भी साझा की जाती है, ताकि वहां भी ऐसी सतर्कता बरती जा सके।
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