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CJI Ranjan Gogoi Case: उत्सव बैंस के आरोपों की जांच करेंगे रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक

CJI Ranjan Gogoi Case सु्प्रीम कोर्ट ने सीजेआइ को फंसाने के पीछे बड़ी साज़िश और बेंच फिक्सिंग के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस ए के पटनायक को सौंपी है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 03:30 PM (IST)
CJI Ranjan Gogoi Case: उत्सव बैंस के आरोपों की जांच करेंगे रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक
CJI Ranjan Gogoi Case: उत्सव बैंस के आरोपों की जांच करेंगे रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक

नई दिल्‍ली, जेएनएन। CJI Ranjan Gogoi Case सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न और और बेंच फिक्सिंग के आरोपों को लेकर आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए नियुक्त किया है। कोर्ट ने सीबीआई निदेशक, आईबी चीफ और दिल्ली पुलिस आयुक्त को मामले की जांच में सहयोग करने को कहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बेंस द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज एके पटनायक को सौंपी। जस्टिस पटनायक जांच के बाद कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देंगे। वहीं,कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस की कुछ सूचनाओं के खुलासे मे प्रिवलेज की मांग को ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की उत्सव बैंस को मांगे जाने पर हर सूचना देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस के हलफ़नामे और दस्तावेजों को सील बंद लिफ़ाफे़ मे जांच के लिए जस्टिस पटनायक को भेजने का आदेश दिया है।

इससे पहले बेंच फिक्सिंग के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि पिछले तीन चार साल से जैसे चल रहा है, उस तरह से तो संस्था नहीं रहेगी। सुप्रीम कोर्ट पर हमलों की लगातार कोशिश हो रही है। ताक़त और पैसे के बल पर कोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट में उत्सव बैंस ने अतिरिक्त हलफनामा और सीलबंद सबूत कोर्ट को दिए हैं। इस दौरान उत्सव ने कहा कि वह एक और हलफनामा देकर कोर्ट को बताना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में कोई जज या उनका रिश्तेदार असर डालने वालों में नहीं है। स्पेशल बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनी। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि उत्सव बैंस के आरोपों पर हम दोपहर दो बजे फैसला सुनाएंगे।

दरअसल, कोर्ट इस मामले में बेहद गंभीर है। इसीलिए सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमारे पास दस्तावेजों का निरीक्षण करने का अधिकार है। विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों पर अटॉर्नी जनरल अपना कानूनी तर्क दें। इस पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट स्टाफ की नियुक्ति और व्यवहार के नियम बताएं। अटार्नी जनरल ने कहा कि साक्ष्य अधिनियम कहता है कि कोई वकील बिना उसके मुव्वकिल की इजाजत कम्युनिकेशन को नहीं बता सकता, लेकिन यहां तो कोई मुव्वकिल नहीं है। इसके बाद काफी बहस कोर्ट में हुई।

गौरतलब है कि उत्सव बैंस ने हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया है कि सीजेआइ पर अमर्यादित आचरण के आरोप लगाने के पीछे बड़ी साजिश है, ताकि सीजेआइ अपने पद से इस्तीफा दे दें। इसके पीछे कारपोरेट फिक्सर लाबी और सुप्रीम कोर्ट के नौकरी से निकाले गए तीन पूर्व कर्मचारी विशेष रूप से तपन कुमार चक्रवर्ती, मानव शर्मा और एक अन्य शामिल है। इन आरोपों को कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया है। बेंस कोर्ट के आदेश पर बुधवार को पेश हुए और उन्होंने सील बंद लिफाफे में कोर्ट को एक और हलफनामा सौंपा, जिसमें साजिश से जुड़ी कुछ और जानकारी दी गई थीं। बेंस ने यह भी कहा कि उनके पास फिक्सर कारपोरेट लाबी के सीसीटीवी फुटेज हैं जिसे कोर्ट मामले की न्यायिक जांच के दौरान देख सकता है।


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