Move to Jagran APP

दुनिया की आधी आबादी को नसीब नहीं सुरक्षित शौचालय, बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को बिल गेट्स फाउंडेशन ने की पहल

दुनिया की करीब आधी आबादी यानी 3.6 अरब लोगों के पास अब भी शौचालय उपलब्ध नहीं है या वे असुरक्षित तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह असुविधा तो है ही साथ-साथ खतरनाक भी है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 10:01 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 10:01 PM (IST)
दुनिया की आधी आबादी को नसीब नहीं सुरक्षित शौचालय, बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को बिल गेट्स फाउंडेशन ने की पहल
3.6 अरब लोगों के पास अब भी शौचालय उपलब्ध नहीं है या वे असुरक्षित तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया की करीब आधी आबादी यानी 3.6 अरब लोगों के पास अब भी शौचालय उपलब्ध नहीं है या वे असुरक्षित तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह असुविधा तो है ही, साथ-साथ खतरनाक भी है। असुरक्षित शौच का अर्थ है-जल व मिट्टी के साथ अनाज का भी दूषित होना। हालिया अनुमान के मुताबिक डायरिया और गंदगी से पैदा होने वाली ऐसी ही बीमारियों की वजह से हर साल पांच वर्ष से कम उम्र के करीब पांच लाख बच्चों की असमय मौत हो जाती है।

loksabha election banner

बिल गेट्स ने लिखी पोस्‍ट

बिल व मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने वर्ष 2011 में इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए शौचालय की चुनौतियों को दूर करने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। बिल गेट्स गत दिनों एक ब्लाग पोस्ट में लिखते हैं कि सीवर के जरिये शौच शोधन की पद्धति पुरानी और कारगर है, लेकिन खर्चीली भी। इसलिए, दस साल पहले इस दिशा में नवोन्मेष बढ़ाने का प्रयास किया गया था। विज्ञानियों और अभियंताओं ने वैश्विक तौर पर शौचालय के डिजाइन के संबंध में सैकड़ों सुझाव दिए।

जार्जिया इंस्टीट्यूट के विज्ञानी शैनोन यी डेवलप कर रहे नया मॉडल

किसी ने बहुत कम पानी के इस्तेमाल वाले शौचालय का माडल पेश किया तो किसी ने शौच से उर्वरक और बिजली निर्माण का। शौच शोधन से पेयजल की व्यवस्था का भी विकल्प सुझाया गया। बिल गेट्स लिखते हैं कि अभियान के दूसरे चरण में जार्जिया इंस्टीट्यूट के विज्ञानी शैनोन यी के नेतृत्व में ऐसे शौचालय का विकास हो रहा है, जिसमें अपशिष्ट का तत्काल शोधन (ट्रीटमेंट) करके दोबारा प्रयोग में आने लायक पानी और ठोस उर्वरक बनाया जा सकता है। इसमें जगह और ऊर्जा की भी जरूरत कम होती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.