रेल प्रशासन की घोर लापरवाही, जीआरपी ने झोपड़ी में रखवा दिया यात्री का शव, चूहों ने कुतर डालीं आंखें
मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला यह मामला स्वजनों की शिकायत के बाद सामने आया। उन्होंने आगरा पहुंचकर रेलवे के अधिकारियों को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जीआरपी ने शव की सुरक्षा में कोताही बरती इसी वजह से यह घटना हुई।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के इटारसी में शव की बेकद्री का मामला सामने आया है। बेंगलुरु से नई दिल्ली जाने वाली कर्नाटका एक्सप्रेस (06527) में आगरा निवासी जितेंद्र सिंह (33) का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया था। शासकीय रेल पुलिस (जीआरपी) ने गुरुवार देर रात शव इटारसी में उतारा और एक झोपड़ी में रखवा दिया। रात में चूहों ने शव की आंखें कुतर डालीं। मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला यह मामला स्वजनों की शिकायत के बाद सामने आया। उन्होंने आगरा पहुंचकर रेलवे के अधिकारियों को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जीआरपी ने शव की सुरक्षा में कोताही बरती, इसी वजह से यह घटना हुई।
जानकारी के मुताबिक आगरा के बरहान थाना क्षेत्र का नागला ताज निवासी जितेंद्र पुत्र भीकम सिंह बेंगलुरु की एक कंपनी में काम करते थे। नौकरी छूट जाने पर वह गुरुवार को आगरा के लिए रवाना हुए। जितेंद्र शादीशुदा थे और गांव में उनके तीन बच्चे और अन्य स्वजन हैं। बताया जाता है कि सफर के दौरान एस-9 कोच की बर्थ-17 पर बैठे जितेंद्र बेहोश हो गए थे। रेलवे स्टाफ ने इसकी सूचना नजदीकी इटारसी स्टेशन पर दी। गुरुवार रात 9.30 बजे आरपीएफ-जीआरपी की मौजूदगी में चिकित्सक डा. अपूर्वा ने जितेंद्र को मृत घोषित कर दिया। जीआरपी ने शव उतरवाकर दो सहयोगियों के हवाले कर दिया। उन्होंने शव खुली झोपड़ी में रख दिया। वहां शव की आंखों को चूहों ने कुतर डाला। इसकी जानकारी शुक्रवार को पोस्टमार्टम के दौरान हुई। प्रधान आरक्षक महेंद्र मिश्रा के अनुसार जितेंद्र के मोबाइल के दो नंबरों पर रात में संपर्क कर घटना की जानकारी दे दी गई थी। शुक्रवार को उनके पिता भीकम सिंह कुछ स्वजनों के साथ आए और शव लेकर चले गए। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर ने उन्हें आंखें खराब होने की जानकारी दी थी।
शव रखने का नहीं है कोई कक्ष
इटारसी के जीआरपी थाना प्रभारी बीएस चौहान ने बताया कि स्वजनों ने ट्विटर पर शिकायत की है कि जीआरपी ने आंखें निकाल लीं, यह आरोप गलत है। यहां शव रखने का कोई कक्ष नहीं है। मजबूरी में शव बाहर रखते हैं। रात में शायद चूहों के कुतरने से आंखें खराब हो गई। शव कक्ष बनाने के लिए जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर विकास जैतपुरिया ने कहा कि शव की आंखें क्षतिग्रस्त मिलीं। स्वजनों ने बताया कि यात्री की आंखों में कोई खराबी नहीं थी। जीआरपी से रात में ली गई फोटो से मिलान में आंखें सामान्य दिखीं। रात में ही कोई घटना हुई है। चूहे या कीड़े की वजह से आंखें खराब हुई हैं, इस बारे में जीआरपी ही तय करेगी। रात में शव अस्पताल नहीं भेजा गया था।