13 में ग्रेजुएट, 15 साल में पोस्ट ग्रेजुएट, नैना की सफलता पर देश की निगाहें
Success Story of Naina Jaiswal 13 साल में ग्रेजुएट 15 में पोस्ट ग्रेजुएट और 17 में पीएचडी शुरू..यह कहानी है नैना जायसवाल की।
इंदौर, जेएनएन। Success Story of Naina Jaiswal: 13 साल में ग्रेजुएट, 15 में पोस्ट ग्रेजुएट और 17 में पीएचडी शुरू..यह कहानी है नैना जायसवाल की। नैना न सिर्फ पढ़ाई में ही अव्वल हैं बल्कि देश की ख्यात टेबल टेनिस खिलाड़ी भी हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पदक जीत चुकी हैं। खेल और पढ़ाई दोनों में नाम कमाने वाली यह बच्ची मोटीवेशनल स्पीकर भी है।
टेबल टेनिस के गुर सीख रही
इन दिनों नैना मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित अभय प्रशाल में चल रहे भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) के हाई परफॉर्मेस शिविर में टेबल टेनिस के गुर सीख रही हैं। मध्य प्रदेश टेबल टेनिस संगठन द्वारा आयोजित शिविर में अंतरराष्ट्रीय कोच मासिमो कांस्टेनटिनी मार्गदर्शन दे रहे हैं।
ढेरों पदक जीतीं
नैना ने करियर का पहला राष्ट्रीय पदक इंदौर से ही जीता था। 2010 में 12 वर्ष आयु वर्ग में वे एकल और टीम वर्ग में चैंपियन बनीं। इसके बाद ढेरों पदक जीतीं। पाकिस्तान में दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप में भी देश के लिए पदक जीता। अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) की विश्व टीम में चुनी गई और रैकिंग में छठे स्थान पर रहीं।
17 साल की उम्र में पीएचडी
नैना ने बताया, 'मैंने आठ साल की उम्र में 10वीं पास की थी और ऐसा करने वाली एशिया की सबसे कम उम्र की लड़की थी। फिर 10 साल की उम्र में 12वीं पास की और 13 साल में हैदराबाद के सेंट मैरी कॉलेज से पत्रकारिता में ग्रेजुएट हुई। देश में पत्रकारिता में ग्रेजुएट होने वाली भी सबसे कम उम्र की छात्रा हूं। इसी कॉलेज से देश की ख्यात खिलाड़ी सानिया मिर्जा, अश्विनी पोनप्पा और वीवीएस लक्ष्मण जैसे नाम भी पढ़े हैं। 15 साल की उम्र में यहीं से राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट किया। अब पीएचडी कर रही हूं, जो जल्द पूरी होने वाली है।'
घर पर ही की पढ़ाई
कम उम्र में पढ़ाई में इतने आगे कैसे बढ़ीं, यह पूछने पर नैना ने बताया, 'मेरे पापा अश्विनी वकील हैं और शिक्षा से भी जुड़े हैं। मैं कभी स्कूल नहीं गई। उन्होंने घर पर ही मुझे पढ़ाया। अन्य बच्चों पर स्कूल के बैग और होमवर्क का बोझ होता है, जबकि मैंने अपनी पढ़ाई का लुत्फ उठाया। मैं खेल के लिए भी वक्त निकालती हूं और यही कारण है कि पढ़ाई और खेल दोनों में सफलता पा रही हूं। मेरा छोटा भाई आगस्त्य 13 साल का है और ग्रेजुएट होने वाला है। अब कई अन्य अभिभावक भी मेरे पापा के पास अपने बच्चों को ऐसी ही शिक्षण पद्धति के लिए लाने लगे हैं।
दोनों हाथों से लिखने में पारंगत
नैना दोनों हाथों से लिखने में माहिर हैं। ऐसा नजारा लोगों ने आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स में देखा था, जिसमें अभिनेता बोमन इरानी दोनों हाथों से लिखते हैं। ऐसा ही कुछ नैना भी करती हैं। नैना को रामायण के 108 मनके कंठस्थ हैं। वे भोजन बनाने में भी निपुण हैं। वे हैदराबादी बिरयानी 25 मिनट में बनाने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं।
ऐसी है नैना की दिनचर्या
सुबह 5-7 तक फिजिकल फिटनेस
सुबह 8-11 तक टेबल टेनिस का अभ्यास
दोपहर 12-3 तक पढ़ाई
दोपहर 3-4.30 बजे तक जिम
अपरान्ह 5-7.30 बजे तक टेबल टेनिस का अभ्यास
इसके बाद आराम, परिवार के साथ चर्चा, रात का खाना और रात्रि 9 बजे विश्राम