रेलवे में 8.5 लाख करोड़ का निवेश करेगी सरकार
आर्थिक विकास को तेज करने के लिए सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर बढ़ा दिया है। इसी के तहत वह रेलवे में 8.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार भारतीय रेल की तस्वीर
नई दिल्ली। आर्थिक विकास को तेज करने के लिए सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर बढ़ा दिया है। इसी के तहत वह रेलवे में 8.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार भारतीय रेल की तस्वीर बदलना चाहती है।
सिन्हा ने विपक्षी दलों से जीएसटी बिल पारित कराने में सहयोग की भी अपील की। इससेदेश में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था शुरू हो सकेगी। कारोबार में तेजी आएगी। यहां सिन्हा ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूरा ध्यान है। उन्होंने कहा, 'भारतीय रेल में लंबे समय से चल रहे निवेश के अभाव के बाद हमने केवल इसी क्षेत्र में ही 8.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का निर्णय किया है। यह एक असाधारण निर्णय है। यह रेलवे की तस्वीर बदलने वाला साबित होगा।'
इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में मैन्यूफैक्चरिंग के लिए सरकार को एक लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
ईईपीसी इंडिया के हीरक जयंती समारोह में पहुंचे प्रसाद ने बताया कि बीते 14 महीने से सरकार जोरदार तरीके से इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर को प्रोत्साहित कर रही है। अब तक 1.07 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन पर एमएसआइपीएस के तहत भारी भरकम इंसेंटिव दिया जा रहा है।
मॉडिफाइड स्पेशल इंसेंटिव पैकेज स्कीम यानी एमएसआइपीएस के अंतर्गत पूंजीगत व्यय में निवेश के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) में निवेश के लिए 20 फीसद और गैर-एसईजेड में 25 फीसद है। गैर-एसईजेड यूनिटों के लिए कैपिटल इक्विपमेंट के लिए काउंटरवेलिंग ड्यूटी या एक्साइज की भरपाई की भी व्यवस्था है।
प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में रोजगार सृजन की भरपूर क्षमता है। आइटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के सात संस्थान स्थापित किए जाएंगे। इससे इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग में मानव संसाधन की जरूरत को ठीक ढंग से पूरा किया जा सकेगा।