कैबिनेट की निवेश समिति देगी बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर आगे बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया तेज कर दी है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी परियोजनाओं के निवेश प्रस्तावों को जल्द मंजूरी के लिए सरकार ने कैबिनेट की निवेश संबंधी समिति का गठन किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इसके गठन को मंजूरी दे दी। साथ ही कैबिनेट ने चार टेलीकॉम सर्किलों में बचे हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी के आधार मूल्य में 30 फीसद कटौती के ईजीओएम के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर आगे बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया तेज कर दी है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी परियोजनाओं के निवेश प्रस्तावों को जल्द मंजूरी के लिए सरकार ने कैबिनेट की निवेश संबंधी समिति का गठन किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इसके गठन को मंजूरी दे दी। साथ ही कैबिनेट ने चार टेलीकॉम सर्किलों में बचे हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी के आधार मूल्य में 30 फीसद कटौती के ईजीओएम के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया।
निवेश पर मंत्रिमंडलीय समिति [सीसीआइ] के चेयरमैन प्रधानमंत्री होंगे। देश में लगाए जाने वाली 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की सभी परियोजनाओं की सीधी निगरानी अब इसी समिति के जिम्मे होगी। देश में इस श्रेणी की करीब सौ परियोजनाएं हैं। सरकार का मानना है कि यह समिति बड़ी परियोजनाओं को लागू करने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने में भी कारगर साबित होगी। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पहले इसे राष्ट्रीय निवेश बोर्ड [एनआइबी] के तौर पर पेश किया था। मगर वन व पर्यावरण और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस बोर्ड को दिए जाने वाले अधिकारों पर आपत्ति जताई थी। उसके बाद ही सरकार ने इसे कैबिनेट की समिति में तब्दील करने का निर्णय लिया है। सूत्रों ने बताया कि पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन की सभी चिंताओं को दूर कर दिया गया है।
बड़ी परियोजनाओं की रफ्तार विभिन्न मंत्रालयों के आपसी सामंजस्य या केंद्र व राज्य के बीच सही संपर्क नहीं होने जैसे तमाम वजहों से सुस्त पड़ी हुई हैं। इससे जहां परियोजना की लागत बढ़ जाती है, वहीं अर्थंव्यवस्था पर भी बोझ बढ़ता है। इस समिति के गठन से देश के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली परियोजनाओं की निगरानी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से हुआ करेगी।
स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य घटा
सरकार ने हाल ही में 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में चार सर्किल के बचे हुए स्पेक्ट्रम के आधार मूल्य में कटौती का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया है। मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह [ईजीओएम] ने आधार मूल्य में 30 फीसद कटौती की सिफारिश की थी। पिछले महीने हुई नीलामी में दिल्ली सर्किल के लिए 693.06 करोड़ रुपये का आधार मूल्य रखा गया था। वहींमुंबई, कर्नाटक और राजस्थान के लिए क्रमश: 678.45 करोड़, 330.12 करोड़ और 67.08 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया था। इन सर्किलों के लिए किसी भी टेलीकॉम कंपनी ने बोली नहीं लगाई थी।
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