अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों की भर्ती परीक्षा और सिविल सेवा एक्जाम को मिलाने पर विचार कर रही सरकार
केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों में अधिकारियों की भर्ती परीक्षा को सिविल सेवा परीक्षा के साथ मिलाने पर विचार कर रही है। पढ़ें इस बारे में सरकार की क्या है योजना...
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों में प्रवेश स्तर के अधिकारियों की भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में बदलाव लाने पर विचार कर रही है। साथ ही इसको IAS और IPS अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के साथ मिलाने पर भी विचार किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को संगठित समूह ए सेवा (OGAS) श्रेणी का दर्जा प्रदान किया था। सीएपीएफ के अंतर्गत केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) आते हैं। ओजीएएस का टैग मिलने से किसी बल को भर्ती के अपने नियम बनाने और प्रमोशन, भुगतान, कमांड और अपने अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के अधिकार मिल जाते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सीएपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा के कार्यक्रम और पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है। अधिकारियों की नियुक्ति के लिए यह परीक्षा 2003 से ही यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाती है। परीक्षा के पाठ्यक्रम में 2003 से ही कोई बदलाव नही किया गया है। इसको देखते हुए यूपीएससी ने 2017 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर परीक्षा के नए कार्यक्रम और पैटर्न पर उसकी सलाह मांगी थी।
अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने पिछले साल अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों को ओजीएएस का दर्जा दे दिया था। इसलिए अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) जैसी सेवाओं के साथ अन्य सभी समान सेवाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिए अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए ली जाने वाली परीक्षा को भी सिविल सेवाओं की परीक्षा के साथ मिलाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। अभी सुझावों पर विचार किया जा रहा है और अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।