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जल्द ही C 295 सैन्य ट्रांसपोर्ट प्लेन की डील होगी फाइनल

भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो बेड़े की जगह 56 सी-295 परिवहन विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी गई है और कुछ ही दिनों में यह डील फाइनल हो जाएगी। इसके अलावा 7500 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले 118 अर्जुन Mk-1A का आर्डर भी दिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 03:04 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 03:11 AM (IST)
जल्द ही C 295 सैन्य ट्रांसपोर्ट प्लेन की डील होगी फाइनल
जल्द ही C 295 सैन्य ट्रांसपोर्ट प्लेन की डील होगी फाइनल

 नई दिल्ली, प्रेट्र। अगले कुछ दिनों में  रक्षा मंत्रालय ( defence ministry) वायु सेना के लिए एक डील को अंतिम रूप देने वाली है। करीब 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली एयरबस-टाटा डील के तहत 56 C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे जो वायुसेना के  Avro-748 प्लेन की जगह लेंगे। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत के तहत बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने (MoD) आज भारतीय सेना के लिए 7,523 करोड़ रुपये की लागत वाले 118 युद्धक टैंक (MBTs) अर्जुन Mk-1A की सप्लाई का आर्डर दिया है।

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रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि 16 विमान एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से खरीदे जाएंगे जो उड़ान भरने की स्थिति में होंगे। इसके अलावा 40 विमान कंपनी की तरफ से भारत में टाटा के साथ एक समूह (कंसोर्टियम) के हिस्से के तहत बनाए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि  सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति से भारतीय वायु सेना के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए, स्पेन से 56 सी-295एमडब्ल्यू परिवहन विमानों की खरीद के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।'

सी-295एमडब्ल्यू विमान नई तकनीक के साथ 5 से 10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान है जो वायुसेना के पुराने पड़ गए एवरो विमान की जगह लेगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया, 'डील  पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से 16 विमानों की उड़ान भरने की स्थिति में आपूर्ति की जाएगी जबकि 40 विमानों का निर्माण करार पर हस्ताक्षर के 10 वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम की तरफ से भारत में किया जाएगा।' मंत्रालय के अनुसार, यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसमें एक निजी कंपनी की तरफ से भारत में किसी सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।' 

मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना से भारत में एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और देश भर में फैले कई MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे। उम्मीद है कि इससे उच्च कौशल वाले 600 रोजगार, 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और मध्यम कौशल के अतिरिक्त 3000 रोजगार सृजित होंगे तथा 42.5 लाख से अधिक कार्य घंटे पैदा होंगे।


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