मिड-डे मील को बनाने पर मिलेगा अब और ज्यादा पैसा, एक अप्रैल से ही लागू होंगी बढ़ी दरें
पिछले सालों के मुकाबले कुकिंग कास्ट में यह बड़ी बढ़ोतरी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते स्कूल भले ही बंद है, लेकिन स्कूलों में बनने वाले मिड-डे मील के लिए अब उन्हें प्रति बच्चे के हिसाब से ज्यादा पैसा मिलेगा। सरकार ने मिड -डे मील की कुकिंग कास्ट में औसतन करीब 11 फीसद की बढ़ोतरी का फैसला लिया है। जो एक अप्रैल से ही प्रभावी होगा। पिछले सालों के मुकाबले कुकिंग कास्ट में यह बड़ी बढ़ोतरी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया है।
इसके तहत स्कूलों में प्राइमरी स्तर पर पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए अब हर दिन के हिसाब 4.97 रुपये मिलेंगे। जबकि अपर प्राइमरी के प्रत्येक बच्चों के लिए हर दिन 7.45 रुपये मिलेंगे। इससे पहले प्राइमरी के प्रति बच्चे के लिए यह राशि 4.48 रुपये थी, जबकि अपर प्राइमरी के लिए 6.71 रुपये थी । कोरोना संकट के बीच कुकिंग कास्ट में की गई इस बढ़ोतरी को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि जब स्कूलों के बंद होने से वहां मिड-डे मील तैयार नहीं हो रहा है। ऐसे में ज्यादातर राज्यों की ओर से बच्चों को कुकिंग कास्ट के साथ राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके चलते अब उन्हें कुकिंग कास्ट का ज्यादा पैसा मिलेगा।
कुकिंग कास्ट में केंद्र और राज्य दोनों का हिस्सा
बता दें कि मिड-डे मील तैयार करने के लिए दी जाने वाले इस कुकिंग कास्ट में केंद्र और राज्य दोनों का हिस्सा होता है। सेंट्रल फंडिग पैटर्न के तहत मैदानी राज्यों के लिए इनमें साठ फीसद हिस्सा केंद्र देता है, जबकि राज्यों को 40 फीसद हिस्सा देना होता है। वहीं पहाड़ी और नार्थ-ईस्ट के राज्यों में यह पैटर्न 90 और 10 का होता है। यानि 90 फीसद राशि केंद्र देता है, जबकि राज्यों को सिर्फ दस फीसद राशि देनी होती है।
एचआरडी मंत्रालय का राज्यों को निर्देश
मंत्रालय के इनके साथ ही सभी राज्यों को फिर से स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील सुनिश्चित कराने को कहा है। जिसके तहत पहले तो इसे तैयार कराने ही उन तक पहुंचाने को कहा है, लेकिन यदि यह संभव ना हो तो, उन्हें कुकिंग कास्ट के साथ राशन उपलब्ध कराने को कहा है। फिलहाल ज्यादातर राज्य अभी कुकिंग कास्ट के साथ बच्चों को राशन ही उपलब्ध करा रहे है।