सैन्य ठिकानों की सुरक्षा के लिए अभी तक नहीं मिला पैसा
देश के सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गयी थी जिसमें सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की मांग की गयी थी।
नई दिल्ली (पीटीआई)। पठानकोट हमले के बाद सैन्य ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा चाकचौबंद करने के लिए केंद्र सरकार से 2 हजार करोड़ रुपये मांगे गए थे, लेकिन सरकार ने एक रुपया भी जारी नहीं किया है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि पठानकोट हमला होने के बाद से इस बात की जरूरत जताई जाने लगी थी कि सेना की तीनों विंगों (जल, थल व नभ) के ठिकानों को और ज्यादा चाकचौबंद किया जाए। हमले के बाद तीनों विंगों ने आंतरिक रिपोर्ट तैयार की थी। यह रिपोर्ट ले. जनरल फिलिप केंपोस की कमेटी ने तैयार की थी। इसमें पता चला था कि वायुसेना, जल सेना व थल सेना में तीन हजार ठिकाने संवेदनशील हैं तो छह सौ अति संवेदनशील।
इनकी देखरेख करने के लिए यहां पर किलेबंदी की बात कही गई थी। इसके लिए ही सरकार से 2 हजार करोड़ रुपयों की मांग की गई थी। सूत्रों का कहना है कि कुछ अति महत्वपूर्ण ठिकानों की किलेबंदी करने के लिए सेना ने 325 करोड़ रुपये अपने आंतरिक फंडों से जुटाकर खर्च किए हैं। एक संसदीय समिति ने भी रक्षा मंत्रालय की इस बात को लेकर कड़ी आलोचना की थी कि उड़ी व पठानकोट जैसे हमलों के बाद भी कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया जा रहा है। समिति का सवाल था कि महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरकार कदम क्यों नहीं उठा रही है?
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