दिव्यांगों को नौकरी देने पर सरकार भरेगी 10 साल तक पीएफ
दिव्यांगों को प्रशिक्षु के दौरान दिए जाने वाले मानदेय का भी सरकार शत प्रतिशत भुगतान करेगी।
अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। दिव्यांगों के लिए अब निजी क्षेत्र की भी राह आसान होगी। सरकार ने दिव्यांगों को नौकरी देने वाली कंपनियों को लुभाने की एक नई योजना लांच की है। इसके तहत कंपनियों को अब उनके पीएफ और ईएसआईसी में दस साल तक कोई अंशदान नहीं देना होगा। इसका भुगतान सरकार करेगी। इसके अलावा ग्रेच्युटी की एक तिहाई राशि का भुगतान भी सरकार करेगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसके लिए पीएफ और ईएसआईसी के पास एक राशि भी जमा करा दी है। जहां अब कोई भी कंपनी दिव्यांगों को नौकरी देने की जानकारी देकर इस योजना का सीधे लाभ ले सकती है। सरकार का मानना है कि मौजूदा समय में निजी क्षेत्र की नौकरियों में दिव्यांगों की मौजूदगी बिल्कुल नगण्य है। ऐसे में इस पहल से निजी क्षेत्र की नौकरियों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ेगी। इसके साथ ही योजना के तहत दिव्यांगों को प्रशिक्षु के दौरान दिए जाने वाले मानदेय का भी सरकार शतप्रतिशत भुगतान करेगी। मंत्रालय की ओर से पहली बार दिव्यांगों के लिए इतने बड़े स्तर पर पहल की गई है।
मंत्रालय की मानें तो कंपनियों को इस तरह की सहूलियतें देने से दिव्यांगों की नौकरियों में इजाफा होगा। उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011 की जनगणना के तहत देश में दिव्यांगों की संख्या मौजूदा समय में 2.68 करोड़ है। जो देश की कुल जनसंख्या का करीब 2.21 फीसदी है।
गौरतलब है कि मंत्रालय ने दिव्यांगों को लेकर यह पहल अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उनके जीवन स्तर को सुधारने को लेकर उठ रही मांग के बाद उठाया है। हाल ही में भारत में दिव्यांगों को लेकर बीजिंग में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी शिरकत की थी। जहां निजी क्षेत्र में दिव्यांगों को नौकरी दिलाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी। इस सम्मेलन में दुनिया के 120 से ज्यादा देशों में शिरकत की थी।