बुलेट ट्रेन के लिए जमीन देने पर मिलेगी स्टांप ड्यूटी से छूट
सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए भूमि देने वाले लोगों को सौगात के रूप में स्टांप ड्यूटी से छूट दी जा रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जमीन देने वाले लोग यदि कोई भूमि खरीदते हैं तो उन्हें स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। हालांकि यह नियम परियोजना के लिए भूमि देने के तीन साल के अंदर ही मान्य होगा। यह निर्णय हाल ही में परियोजना को लागू करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की बोर्ड बैठक में लिया गया। बता दें कि इस एजेंसी को 508 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए भूमि देने वाले लोगों को सौगात के रूप में स्टांप ड्यूटी से छूट दी जा रही है। उनकी स्टांप ड्यूटी की राशि एजेंसी सरकार को चुकाएगी। स्टांप ड्यूटी से छूट लोगों को उनकी मुआवजा राशि के अतिरिक्त दी जाएगी।
अधिकांश राज्यों में संपत्ति के कुल बाजार मूल्य का पांच से सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के रूप में लिया जाता है। जबकि एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क लिया जाता है। परियोजना के लिए 1,434 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। इसमें से 353 हेक्टेयर महाराष्ट्र में और शेष गुजरात में है। एजेंसी बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स में केवल 0.9 हेक्टेयर भूमि हासिल कर पाई है। बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण का काम इस साल दिसंबर तक पूरा करना है।