Hearing in SC: जनसंख्या नियंत्रण पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में 14 अगस्त को दाखिल करेगी जवाब
इस वर्ष एक जनवरी यानी न्यू इयर पर भारत में 67385 बच्चों ने जन्म लिया। दूसरे नंबर पर चीन था जहां 46299 बच्चे जन्मे।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। भारत में प्रतिदिन करीब 70000 और एक मिनट में औसतन 51 बच्चे जन्म लेते हैं इससे देश की आबादी की रफ्तार समझी जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उससे पेश आती चुनौतियों की ओर जनता का ध्यान आकृष्ट किया था। उसके बाद से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश कर और प्रधानमंत्री को पत्र लिख जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की भी कोशिशें शुरू हो गई हैं। ऐसे में यह रोचक है कि 14 अगस्त को सरकार की ओर से कोर्ट में क्या जवाब पेश किया जाता है।
संसद के मानसून सत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने का आग्रह
दरअसल प्रधानमंत्री की ओर से इसे एक सुझाव की तरह ही पेश किया गया था। सरकार के सूत्रों की ओर से भी यह संकेत भी दिया गया था कि फिलहाल जागरुकता के जरिए लोगों को जगाने की कोशिश हो रही है, लेकिन इसी बीच व्यापक चर्चा भी छिड़ी है और दबाव भी बनाया जा रहा है। भाजपा नेता और वकील अश्वनी उपाध्याय ने रविवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को इमेल के जरिये पत्र भेज कर जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम बताते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने का आग्रह किया है। प्रति गृहमंत्री अमित शाह भी भेजी गई है। राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने भी गत 7 अगस्त को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसी संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून का विधेयक लाने का आग्रह किया है।
संविधान समीक्षा आयोग ने 2002 में केंद्र से जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की सिफारिश की थी
अश्वनी उपाध्याय की याचिका में कहा गया है कि 1976 में संविधान में हुए 42वें संशोधन के जरिये जो कि 3 जनवरी 1977 को लागू हुआ, सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची मे जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन पर कानून बनाने के लिए केन्द्र और राज्यों को अधिकृत किया गया है, लेकिन सरकार ने आज तक इस पर कानून नहीं बनाया। संविधान समीक्षा आयोग ने 2002 में केंद्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की सिफारिश की थी। इसे भी 18 साल बीत गए, लेकिन कानून नहीं बना। भारत में दुनिया की मात्र दो फीसद जमीन है। पीने योग्य पानी मात्र चार फीसद है जबकि जनसंख्या 20 फीसद है। याचिका में मांग है कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह संविधान समीक्षा आयोग की सिफारिश के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाए।
सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण पर गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय से जवाब मांगा था
सुप्रीम कोर्ट ने गत दस जनवरी को मामले मे नोटिस जारी करते हुए गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय से जवाब मांगा था। पिछले महीने भी मामला सुनवाई पर लगा था, लेकिन सरकार ने कोर्ट से जवाब देने के लिए समय मांग लिया था। अब 14 अगस्त को फिर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट से मामले पर नोटिस जारी हुए भी छह महीने से ज्यादा बीत चुके हैं।
जन्म लेने वाले बच्चों के मामलों में भारत ने चीन को छोड़ा पीछे
गौरतलब है कि इस वर्ष एक जनवरी यानी न्यू इयर पर भारत में 67385 बच्चों ने जन्म लिया। दूसरे नंबर पर चीन था जहां 46299 बच्चे जन्मे। पहले और दूसरे पायदान पर खासा अंतर है।