मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की शासकीय खरीद लड़खड़ाती व्यवस्था के साथ हुई शुरू
गेहूं की गुणवत्ता जांचने के सर्वेयर एप में तकनीकी दिक्कत आने से इंदौर और उज्जैन संभाग के लगभग सभी केंद्रों पर देर से खरीदी शुरू हो पाई। गेहूं की औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) जांचने का एप कई केंद्रों के कंप्यूटर पर अपडेट नहीं हो पाया था।
जितेंद्र यादव, इंदौर। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मध्यप्रदेश में गेहूं की शासकीय खरीदी का पहला दिन शनिवार को लड़खड़ाती व्यवस्था के साथ शुरू हुआ। गेहूं की गुणवत्ता जांचने के सर्वेयर एप में तकनीकी दिक्कत आने से इंदौर और उज्जैन संभाग के लगभग सभी केंद्रों पर देर से खरीदी शुरू हो पाई। गेहूं की औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) जांचने का एप कई केंद्रों के कंप्यूटर पर अपडेट नहीं हो पाया था। इस कारण एफएक्यू जांचने में कठिनाई आ रही थी। बाद में इसे हर केंद्र पर अपडेट कराया गया, तब जाकर गेहूं का एफएक्यू और किसानों की जानकारी ऑनलाइन हो पाई।
मंगलवार से पटरी पर आएगी व्यवस्था
कोरोना संक्रमण को देखते हुए रविवार को लॉकडाउन और सोमवार को धुलेंडी होने से दो दिन खरीदी का अवकाश रहेगा। इस कारण अब मंगलवार से ही गेहूं खरीदी की व्यवस्था पटरी पर आ पाएगी। दरअसल, शासन ने दो बार गेहूं खरीदी की तारीख बदली। इस कारण किसान भी असमंजस में रहे। इंदौर जिले में पहले दिन के लिए मोबाइल फोन पर संदेश तो 1280 किसानों को भेजे गए थे, लेकिन हर केंद्र पर पांच-सात किसान ही गेहूं बेचने पहुंचे। देवी श्री अहिल्या सहकारी विपणन संस्था, सांवेर, देपालपुर, गौतमपुरा, चंद्रावतीगंज जैसे केंद्रों पर यही हाल रहे।
गेहूं खरीद केंद्र पर बहुत कम पहुंचे किसान
हर केंद्र के लिए संदेश तो 15-20 किसानों को भेजे गए थे, लेकिन कहीं भी पूरे किसान नहीं आए। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि इस बार हर किसान को संदेश मिलने के बाद करीब पांच दिन का समय दिया गया है, जबकि पिछली बार केवल एक दिन का समय दिया गया था। बहरहाल इंदौर जिले में पहले दिन शाम छह बजे तक 41 केंद्रों पर 161 किसानों से 3850 क्विंंटल गेहूं खरीदा गया।
ऐनवक्त पर बदला गेहूं खरीद केंद्र
केंद्र, फिर मंडी को बनाया इंदौर की देवी श्री अहिल्या सहकारी विपणन संस्था का खरीदी केंद्र सांवेर रोड पर सेंट्रल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के वेयरहाउस को बनाया गया था, लेकिन शनिवार को ऐनवक्त पर यह केंद्र बदला गया। बाद में संस्था को लक्ष्मीबाई नगर मंडी में जगह दी गई। इस कारण तैयारियों के बावजूद आधे दिन बाद मंडी में गेहूं खरीदी शुरू हो पाई। विपणन संस्था के कर्मचारी तौल कांटे और बारदान के बंडल आदि सामान लेकर सुबह सांवेर रोड के गोदाम पहुंच गए थे। कुछ किसान भी अपनी उपज ट्रैक्टर में भरकर वहां पहुंच गए, लेकिन बाद में सहकारिता और विपणन संघ के अधिकारियों के फोन आए कि सांवेर रोड के गोदाम में पार्किग आदि की दिक्कत आएगी। इसलिए लक्ष्मीबाई मंडी में ही जगह उपलब्ध कराई जा रही है। लक्ष्मीबाई मंडी का एक शेड व्यापारियों से खाली करवाकर यहां विपणन संस्था को जगह दी गई। दोपहर करीब 1 बजे गेहूं खरीदी शुरू हो पाई। दो केंद्रों पर 15-15 किसानों को संदेश दिए गए थे, लेकिन सात-आठ किसान ही गेहूं लेकर आए। इस कारण अधिक भीड़ नहीं हुई और समय पर गेहूं तुल गया।