मैन्यूफैक्चरिंग पर जुबानी जमा खर्च कर रही सरकार
बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर सरकार के जोर को महज जुबानी जमा खर्च बताया है। उनके मुताबिक, देश में कारोबार सुगम बनाने की राह में कोई सुधार नहीं हुआ है। सरकार की नीतियों में भी तालमेल का अभाव है।
हैदराबाद। बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर सरकार के जोर को महज जुबानी जमा खर्च बताया है। उनके मुताबिक, देश में कारोबार सुगम बनाने की राह में कोई सुधार नहीं हुआ है। सरकार की नीतियों में भी तालमेल का अभाव है।
सरकारी नीतियों पर स्पष्ट बोलने वाले कुछ उद्योगपतियों में मजूमदार की भी गिनती होती है। वह देश की सबसे बड़ी बायोटेक्नोलॉजी कंपनी बायोकॉन की सीएमडी हैं। मजूमदार ने कहा कि उनके मुताबिक अभी सरकार को सिर्फ कारोबार सुगम बनाने की दिशा में ध्यान देना चाहिए। साथ ही उसका जोर सुसंगत नीतियों पर होना चाहिए, जिनमें किसी प्रकार का घालमेल या भ्रम न हो।
वह दो-टूक बोलीं कि उन्हें कारोबार सुगम बनाने की दिशा में कोई सुधार नहीं दिखा है। इसमें वैसे ही जटिलता बनी हुई है जैसे थी। वह मानती हैं कि नीतियां अस्पष्ट हैं और उनमें तालमेल की कमी है। सरकार को इन्हीं बातों को सुनिश्चित करना है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार को समर्थन देना होगा। साथ ही कहा कि सरकार लगातार सेवा क्षेत्र पर ध्यान दे रही है और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर सिर्फ जुबानी जमा खर्च कर रही है।
सरकार को इससे बाज आना चाहिए और यदि वह गंभीर है तो कुछ करना चाहिए। उन्होंने कॉरपोरेट इंडिया को भी और रियायतों और प्रोत्साहनों की उम्मीद नहीं लगाने की सलाह दी। आगामी बजट से अपेक्षाओं पर मजूमदार ने कहा कि सरकार का फोकस सामाजिक आर्थिक विकास पर होना चाहिए। उसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सस्ते मकान व इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा।