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'पराली समस्या' पर कानून बनाने जा रही सरकार, SC ने जस्टिस लोकुर कमेटी पर लगाई रोक

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि सरकार पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कानून बना रही है। तीन चार दिन में कानून बना लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जस्टिस लोकुर वाली एक सदस्यीय कमिटी के गठन वाले आदेश पर रोक लगाया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 03:55 PM (IST)
'पराली समस्या' पर कानून बनाने जा रही सरकार, SC ने जस्टिस लोकुर कमेटी पर लगाई रोक
SC ने जस्टिस लोकुर कमेटी पर लगाई रोक।

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलने के कारण दिल्ली-NCR में होने वाले वायु प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए कानून के जरिए एक स्थायी समिति बनाने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के 16 अक्टूबर के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर को एक सदस्यीय कमीशन नियुक्त करने की बात कही गई थी।

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केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि सरकार पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कानून बना रही है। तीन चार दिन में कानून बना लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जस्टिस लोकुर वाली एक सदस्यीय कमिटी के गठन वाले आदेश पर रोक लगाया। अब मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 16 तारीख को हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने मामले की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय कमेटी का नेतृत्व रिटायर जस्टिस मदन बी लोकुर के हाथों में सौंपा था। इसपर सॉलसीटर जनरल तुषार मेहता ने तब आपत्ति जताई थी। लोकुर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रहे हैं। बता दें कि दिल्ली और एनसीआर में पराली जलाए जाने के कारण प्रदूषण की जटिल समस्या से निपटने के लिए हर साल प्रयास किए जाते हैं। इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने एक टीम का ही गठन किया था जो प्रदूषण स्तर को देखते हुए पराली जलाए जाने की प्रक्रिया की निगरानी करती, लेकिन अब उस कमेटी पर रोक लगा दी है।

कमेटी के गठन पर कहा गया था कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के चीफ सेक्रेटरी इस काम में जस्टिस लोकुर को आवश्यक सहयोग देंगे। वहीं इसके लिए सहयोग में NCC/NSS और भारत स्काउट गाइड के लोग भी आगे बढ़े। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि संबंधित राज्य सरकारें जस्टिस लोकुर कमेटी को उचित सुविधा और पर्याप्त मदद मुहैया कराएंगी। इसमें सेक्रेट्रिएट, सुरक्षा और वित्तीय सुविधाएं शामिल था।


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