सरकारी विभागों को मिला आदेश, दिव्यांगता के आधार पर तरक्की देने से नहीं किया जा सकता इन्कार
कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि नौकरी को लेकर कोई सरकारी प्रतिष्ठान किसी दिव्यांग व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करेगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मुश्किलों के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग करने वाले दिव्यांग सरकारी कर्मचारी उसी वेतनमान और लाभ पर सेवा जारी रख सकते हैं। कार्मिक मंत्रालय ने सोमवार को सभी सरकारी विभागों के सचिवों को आदेश जारी करते हुए दिव्यांग कर्मियों को उपलब्ध विभिन्न सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डाला। मंत्रालय ने कहा कि सिर्फ दिव्यांगता के आधार पर किसी कर्मचारी को तरक्की देने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुच्छेद 20 के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए मंत्रालय ने कहा कि सभी सरकारी प्रतिष्ठान दिव्यांग कर्मचारियों को तार्किक सुविधा और उपयुक्त माहौल उपलब्ध कराएंगे।
दिव्यांग होने की स्थिति में नहीं घटाया जाएगा उसका पद
मंत्रालय ने कहा कि नौकरी को लेकर कोई सरकारी प्रतिष्ठान किसी दिव्यांग व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करेगा। सेवा के दौरान किसी कर्मचारी के दिव्यांग होने की स्थिति में उसका पद नहीं घटाया जाएगा। कोई कर्मचारी यदि अस्वस्थता के आधार पर या दिव्यांगता के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन देता है, तो अधिकारियों को जांच करना चाहिए कि यह दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के अनुच्छेद 20 के तहत तो नहीं आता है? यदि यह मामला इस अधिनियम के तहत आता है, तो उस कर्मचारी को यह सलाह दी जानी चाहिए कि उसके सामने उसी वेतनमान और लाभ के साथ अपनी सेवा जारी रखने का विकल्प है। यदि वह कर्मचारी अपने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन वापस लेने के लिए तैयार हो जाता है, तो उसके साथ दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत व्यवहार किया जाना चाहिए।