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10 अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मियों को मिले वेतन, महामारी कानून के तहत केंद्र को है कार्रवाई का अधिकार: SC

कोर्ट ने कहा कि केंद्र असहाय नहीं है उसे देखना चाहिए कि उसका आदेश लागू हो। महामारी कानून के तहत वह कार्रवाई कर सकता है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 12:23 PM (IST)
10 अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मियों को मिले वेतन, महामारी कानून के तहत केंद्र को है कार्रवाई का अधिकार: SC
10 अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मियों को मिले वेतन, महामारी कानून के तहत केंद्र को है कार्रवाई का अधिकार: SC

नई दिल्ली, जेएनएन। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को केंद्र से स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों को वेतन न दिए जाने मामले पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा,' केंद्र के निर्देशों के बावजूद दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, त्रिपुरा और कर्नाटक कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित वेतन नहीं दे रहे।' कोर्ट ने कहा कि केंद्र असहाय नहीं है उसे देखना चाहिए कि उसका आदेश लागू हो। महामारी कानून के तहत वह कार्रवाई कर सकता है।

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डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करे केंद्र

मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र से कहा है कि 10 अगस्त तक डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। केंद्र द्वारा चार राज्यों- पंजाब, कर्नाटक, त्रिपुरा और महाराष्ट्र के खिलाफ शिकायत के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है। ये चारों राज्य केंद्र की ओर से दिशा निर्देश दिए जाने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों को वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं। 20 मार्च 2020 तक यह बीमारी भारत में पूरी तरह फैल चुकी थी। इस पर काबू पाने की दिशा में भारत सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास जारी है। सरकार की सहायता हेतु भी महामारी से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था है।

चार राज्यों के खिलाफ शिकायत

जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र से कहा है कि 10 अगस्त तक डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। केंद्र द्वारा चार राज्यों- पंजाब, कर्नाटक, त्रिपुरा और महाराष्ट्र के खिलाफ शिकायत के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है। ये चारों राज्य केंद्र की ओर से दिशा निर्देश दिए जाने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों को वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं। 20 मार्च 2020 तक यह बीमारी भारत में पूरी तरह फैल चुकी थी। इस पर काबू पाने की दिशा में भारत सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास जारी है। सरकार की सहायता हेतु भी महामारी से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था है।

क्वारंटाइन की अवधि को अवकाश के तौर पर कटौती

केंद्र का पक्ष रखने वाले सॉलिसिटर जनरल ने बेंच से कहा कि केंद्र शक्तिहीन नहीं है वह दिशा निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा, 'केंद्र मजबूर नहीं है। महामारी प्रबंधन अधिनियम के तहत केंद्र के पास इस बात का पूरा अधिकार है कि दिशा निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाई करे।' सुनवाई के दौरान डॉक्टरों व हेल्थ वर्करों की ओर से वकील ने कोर्ट से इस बात की भी शिकायत की ड्यूटी के बाद क्वारंटाइन की अवधि को अवकाश के तौर पर कटौती की जा रही है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि क्वारंटाइन की अवधि को अवकाश के तौर पर नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने इसपर तुषार मेहता से स्पष्टीकरण देने को कहा है। डॉक्टर आरुषी जैन ने कोर्ट में डॉक्टरों व हेल्थवर्करों को समय से वेतन भुगतान किए जाने को लेकर याचिका दायर की थी।


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