Move to Jagran APP

New Education Policy: प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अमल को लेकर सरकार दे सकती है ये खास पैकेज

दो साल पहले प्राथमिक उच्च प्राथमिक माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक जैसे स्कूली शिक्षा को एक साथ जोड़कर समग्र शिक्षा के दायरे में लाया गया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 09:29 PM (IST)
New Education Policy: प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अमल को लेकर सरकार दे सकती है ये खास पैकेज
New Education Policy: प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अमल को लेकर सरकार दे सकती है ये खास पैकेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट में इस बार शिक्षा के क्षेत्र को मजबूती देने वाले कुछ बड़े ऐलान हो सकते है। वैसे भी नई शिक्षा नीति के जरिए इसे मजबूती देने का पूरा ड्राफ्ट तैयार है, हालांकि अभी इसकी अधिकारिक घोषणा होना बाकी है, लेकिन इसके अमल को लेकर सरकार को एक बड़ी पूंजी की जरूरत होगी। ऐसे में सरकार इसके लिए एक पैकेज जैसा कुछ ऐलान कर सकती है। फिलहाल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी इसे लेकर वित्त मंत्रालय को अपनी राय दी है।

loksabha election banner

उच्च शिक्षा को लेकर हो सकते हैं प्रयास

वैसे भी पिछले सालों में सरकार का जोर शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर दिखा था। ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में अब शिक्षा को लेकर जो भी प्रावधान होगा, वह नई शिक्षा नीति को केंद्रित करते हुए ही होगा। स्कूली शिक्षा की तर्ज पर इस बार उच्च शिक्षा के बिखरे ढांचे को भी समेटने की कोशिश हो सकती है। जिसमें विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, प्रबंधन संस्थान और टीचर एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में बंटी पूरी उच्च शिक्षा को एक दायरे में लाया जा सकता है। दो साल पहले प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक जैसे स्कूली शिक्षा को एक साथ जोड़कर समग्र शिक्षा के दायरे में लाया गया था।

भारी भरकम बजट की होगी जरूरत

सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अमल का फिलहाल जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसके तहत अगले पांच सालों में उसे पूरी तरह से लागू करने की सिफारिश की गई है। ऐसे में इस बदलाव के लिए सरकार को भारी भरकम बजट की भी जरूरत होगी।मौजूदा समय में शिक्षा का जो बजट है, उनमें प्रस्तावित नई शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं है। मौजूदा समय में देश में शिक्षा का कुल बजट करीब 94 हजार करोड़ है। इनमें स्कूली शिक्षा के लिए करीब 56 हजार करोड़ और उच्च शिक्षा के लिए करीब 38 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.