मध्य प्रदेश में फिर से शुरू हो सकती है सरकारी बस सेवा, अन्य राज्यों में लोक परिवहन व्यवस्था का होगा अध्ययन
मंत्री राजपूत ने कहा कि किसी निगम को फिर से शुरू करना लंबी और जटिल प्रक्रिया है। इसलिए सड़क परिवहन निगम के विकल्प के रूप में कंपनी या कोई और माध्यम की व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए वह जल्द मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे।
धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। आम आदमी को सुरक्षित सफर की सुविधा देने के लिए मध्य प्रदेश में सरकारी बसों की सुविधा फिर से बहाल हो सकती है। सरकार इसके लिए अन्य राज्यों में लोक परिवहन सेवा की व्यवस्था का अध्ययन कराएगी। साथ ही सड़क परिवहन निगम का विकल्प भी तलाशेगी। 'नईदुनिया' की पहल पर प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी बस सेवा की व्यवस्था दिग्विजय सरकार ने बंद कर दी थी, जिसके चलते अनुबंधित और फिर निजी बस सेवाओं का दबदबा बढ़ा।
उन्होंने कहा कि दिग्विजय सरकार के दौरान सड़क परिवहन निगम में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, जिससे निगम करोड़ों रुपए के घाटे में आ गया था। साथ ही प्रदेश में सड़कें लगभग खत्म हो चुकी थीं, जिससे बसों का संचालन मुश्किल और रखरखाव महंगा होता गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन परिस्थितियों में सुधार के बजाय दिग्विजय सरकार ने जनता के लिए उपलब्ध सस्ती बस सेवा ही बंद कर दी। सपनि बंद करने का अंतिम आदेश 2005 में निकला था, तब भाजपा की सरकार आ चुकी थी।
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बोले, मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे
मंत्री राजपूत ने कहा कि किसी निगम को फिर से शुरू करना लंबी और जटिल प्रक्रिया है। इसलिए सड़क परिवहन निगम के विकल्प के रूप में कंपनी या कोई और माध्यम की व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए वह जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे। अन्य राज्यों में लोक परिवहन की सुविधाओं का भी अध्ययन कराया जाएगा।
उप्र में अनुबंध व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की बसों के साथ अनुबंधित बसों का संचालन भी होता है, जिन्हें निगम के नियमों का पालन करना होता है। इन बसों के स्टाफ को भुगतान अनुबंधित बस संचालकों को करना होता है, जो सरकारी कर्मचारी से कम होता है। अधिकारियों का कहना है कि जिन राज्यों में सरकारी बस सेवा उपलब्ध हैं, उनका अध्ययन कर मप्र में रास्ता निकाला जाएगा।
सिर्फ फायदे के रूट पर चल रही बसें
राज्य सड़क परिवहन निगम के बंद होने से प्रदेश में प्राइवेट बस आपरेटर्स की मनमानी चल रही है। ये आपरेटर्स ग्रामीण इलाकों में बस नहीं चलाते हैं, सिर्फ फायदे वाले रास्ते ही चुनते हैं। यही वजह है कि ग्रामीण अंचल के लोग जान जोखिम में डालकर छोटे-छोटे वाहनों में कई गुना संख्या में लदकर सफर करने पर मजबूर हैं।