मुंडे की मौत महज हादसा
केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत के पीछे कोई साजिश नहीं थी। यह महज एक सड़क हादसा था। लगभग छह महीने की जांच के बाद सीबीआइ इस निष्कर्ष पर पहुंची है। सीबीआइ हादसे के लिए मुंडे की कार में टक्कर मारने वाले दूसरी कार के ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया है
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत के पीछे कोई साजिश नहीं थी। यह महज एक सड़क हादसा था। लगभग छह महीने की जांच के बाद सीबीआइ इस निष्कर्ष पर पहुंची है। सीबीआइ हादसे के लिए मुंडे की कार में टक्कर मारने वाले दूसरी कार के ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया है। पटियाला कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक आरोपी ड्राइवर तय गति सीमा से अधिक तेजी से कार चला रहा था, जबकि मुंडे की कार गति सीमा से कम रफ्तार में चल रही थी।
सीबीआइ ने मुंडे की मौत के पीछे साजिश को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि आरोपी भाजपा नेता के करीबियों और आरोपी ड्राइवर के संबंधित लोगों की गतिविधियों की बारीकी से जांच से साफ हो गया है कि हादसे के पीछे कोई सोची-समझी साजिश नहीं थी। हादसे के कारणों और मुंडे की मौत की वजह जानने के लिए सीबीआइ आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों और एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों की अलग-अलग कमेटी का सहयोग लिया।
आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने घटनास्थल का मुआयना करने और हादसे को रिकंस्ट्रक्ट करने के बाद इस नतीजे पर पहुंची कि आरोपी ड्राइवर तय गति सीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा तेजी से कार चला रहा था, जबकि मुंडे की कार इससे कम यानी 25-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। जाहिर है गलती टक्कर मारने वाले ड्राइवर की थी। सीबीआइ ने ड्राइवर को बेतरतीबी से गाड़ी चलाने (धारा-379) और अनजाने में किसी की हत्या करने (धारा-304ए) का आरोपी ठहराया है। ध्यान देने की बात है कि धारा 304 ए के तहत आरोप साबित होने पर दोषी को अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है।
एम्स के डॉक्टरों की कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में मुंडे की मौत के पीछे साजिश की संभावना से इंकार कर दिया है। इस कमेटी के अनुसार कार हादसे में लगी चोटें ही मुंडे की मौत का कारण थीं। ध्यान देने की बात है कि दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में आरोपी ड्राइवर के खिलाफ धारा 379 और धारा 304ए के तहत केस दर्ज किया था लेकिन मुंडे समर्थकों ने हादसे के पीछे गहरी साजिश की आशंका जताई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने के एक हफ्ते के बाद ही तीन जून को सरकारी आवास से एयरपोर्ट जाते मुंडे की कार में एक दूसरी कार ने टक्कर मार दी थी।